![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2022/09/IMG-20220926-WA0017.jpg)
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877
दुर्गा सप्तशती शतचंडी अनुष्ठान में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का पूजन
दुर्गा शतचंडी अनुष्ठान से होता है दुश्मनों का विनाश।
जयराम विद्यापीठ दुर्गा सप्तशती पाठ कर रहे हैं ब्रह्मचारी और ब्राह्मण।
कुरुक्षेत्र, 26 सितम्बर : देशभर में फैली जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित श्री जयराम विद्यापीठ के संचालक ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से सर्वकल्याण एवं विश्व शांति की भावना से विद्यापीठ में शारदीय नवरात्रों के अवसर पर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ नवरात्र दुर्गा सप्तशती पाठ व शतचंडी अनुष्ठान प्रारम्भ किया गया। जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि विद्यापीठ की यज्ञशाला में पूरे नवरात्र 21 ब्राह्मणों द्वारा निरंतर दुर्गा सप्तशती पाठ व शतचंडी अनुष्ठान किया जाएगा। अनुष्ठान के यजमान के तौर पर अशोक गर्ग, कुसुम गर्ग, राजीव शर्मा तथा उनके परिवार के सदस्यों ने पूजन करवाया। नौ दिवसीय नवरात्र अनुष्ठान के बारे में आचार्य प. रणबीर भारद्वाज ने बताया कि मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है। दुर्गा जी को प्रसन्न करने के लिए जिस यज्ञ विधि को पूर्ण किया जाता है उसे शतचंडी यज्ञ बोला जाता है।
उन्होंने बताया कि शतचंडी यज्ञ को सनातन धर्म में बेहद शक्तिशाली वर्णित किया गया है। इस यज्ञ से बिगड़े हुए ग्रहों की स्थिति को सही किया जा सकता है और सौभाग्य इस विधि के बाद साथ देने लगता है। उन्होंने बताया कि वेदों में दुर्गा सप्तशती पाठ व शतचंडी अनुष्ठान की महिमा के बारे में यहाँ तक बोला है कि शतचंडी यज्ञ एवं अनुष्ठान के बाद दुश्मन कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इस अनुष्ठान को भगवान श्री गणेशजी, भगवान शिव शंकर, नव ग्रह, और नव दुर्गा (देवी) को समर्पित करने से मनुष्य जीवन धन्य होता है। विद्यापीठ में हर नवरात्रों पर ब्रह्मचारियों, विद्यार्थियों और ब्राह्मणों द्वारा पूरे नियमों के साथ दुर्गा सप्तशती पाठ तथा शतचंडी अनुष्ठान किया जाता है। इस अवसर पर के के कौशिक एडवोकेट, श्रवण गुप्ता, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक, प्राध्यापक प्रवीण शर्मा, राम जिवारी, मनोज कुमार, संत कुमार इत्यादि भी मौजूद रहे।
जयराम विद्यापीठ में दुर्गा पूजन करते हुए ।