नारी शक्ति की उपासना तथा कन्या पूजन का पर्व है नवरात्र : ब्रह्मचारी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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नवरात्रों पर ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने की राष्ट्र कल्याण की कामना।
कुरुक्षेत्र, 26 सितम्बर : देश के विभिन्न राज्यों में अध्यात्म, समाज कल्याण, शिक्षा, योग एवं गौ संरक्षण के लिए संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने नवरात्र महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्र पूजन से ही वास्तव में समाज को नारी सम्मान की प्रेरणा मिलती है। हमें मां भगवती का साक्षात्कार होता है। सारे संसार का पालन सृजन उन्हीं के हाथ में है। इस मौके पर उन्होंने विश्व शांति, राष्ट्र कल्याण एवं सर्व सुख समृद्धि की भी कामना की। ब्रह्मचारी ने कहा कि नवरात्र नारी शक्ति के सम्मान के लिए एवं नारी शक्ति की पहचान दिलाने की अवसर है। यह नारी शक्ति की उपासना का पर्व है तो कन्या पूजन के साथ उसकी रक्षा का भी प्रण है। ब्रह्मचारी ने समाज की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि फिर क्यों कुछ स्थानों पर बेटियों के साथ इस प्रकार का भेदभाव होता है। उन्होंने नवरात्रों का महत्व बताया कि नवरात्रों के नौ दिन माँ भगवती के नौ स्वरूपों की उपासना के लिए और नौ स्वरूपों के साथ शक्ति, ज्ञान और लक्ष्मी अर्थात शक्ति की प्रतीक माँ दुर्गा, ज्ञान विज्ञान की प्रतीक माता सरस्वती और समस्त प्रकार के धन संपत्ति सुख सुविधाओं की प्रतीक देवी लक्ष्मी के आह्वान के लिए समर्पित होते हैं। नवरात्रों का समापन कन्या पूजन के साथ होता है। ब्रह्मचारी ने कहा कि इन्हीं सभी बातों से पता चलता है कि नारी शक्ति के प्रति और विशेष रूप से कन्या संतान के प्रति कितना सम्मान हमारे देश में है। नारी वह शक्ति है, जिसके कारण सृष्टि का अस्तित्व है। उन्होंने कहाकि वास्तव में बेटियाँ परिवार, समाज और देश का गौरव होती हैं। इसलिए कन्या पूजन इस देश की जन भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। ब्रह्मचारी ने बताया कि देशभर के विभिन्न स्थानों हरिद्वार, ऋषिकेश, कुरुक्षेत्र, दिल्ली, वृन्दावन व बेरी (रोहतक), नरवाना इत्यादि सभी जयराम संस्थानों में विद्वान ब्राह्मणों व ब्रह्मचारियों द्वारा नियमित नौ दिन तक नवरात्र पूजा होगी, जिसमें देशभर के यजमान शामिल होंगे। जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी।