बिहार अररिया: हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर हुआ निक्षय दिवस का आयोजन-टीबी की जांच व इलाज के साथ संभावित खतरों के प्रति किया गया लोगों को जागरूक

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर हुआ निक्षय दिवस का आयोजन
-टीबी की जांच व इलाज के साथ संभावित खतरों के प्रति किया गया लोगों को जागरूक

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर हुआ निक्षय दिवस का आयोजन
-टीबी की जांच व इलाज के साथ संभावित खतरों के प्रति किया गया लोगों को जागरूक

अररिया, 16 सितंबर।
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शनिवार को जिले के सभी आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर निक्षय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस क्रम में सीएचओ के माध्यम से आम जनमानस को टीबी रोग के संभावित खतरों के प्रति जागरूक करते हुए जांच व इलाज संबंधी सुविधा लोगों को मुहैया करायी गयी। टीबी रोगियों को सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गयी।

रोग संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत करायें जांच –

निक्षय दिवस कार्यक्रम के दौरान रानीगंज बरहरा के सीएचओ हेमंत कुमार ने बताया कि हर महीने की 16 तारीख को वेलनेस सेंटरों पर निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है। टीबी के संभावित मरीजों को चिह्नित करने, उन्हें जरूरी जांच व इलाज संबंधी सुविधा मुहैया कराने व समुदाय स्तर पर रोग के कारण व निदान संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करना इसका मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह से ज्यादा समय तक खांसी होना, खांसी के दौरान कफ के साथ खून आना, लगातार वजन कम होना, भूख ना लगना, रात को पसीना आना टीबी रोग से जुड़े सामान्य लक्षण हैं। इस तरह का कोई लक्षण दिखने पर व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी जांच करानी चाहिये। ताकि उनका समुचित इलाज संभव हो सके।
मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही जरूरी सुविधा-

जिला टीबी समन्वयक दामोदर शर्मा ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। इसे लेकर विभाग व सरकार के स्तर से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उसमें निक्षय पोषण योजना, निक्षय मित्र योजना प्रमुख हैं। पोषण योजना के तहत उचित पोषाहार सेवन के लिये हर महीने 500 रुपये सहायता राशि टीबी मरीजों को दी जाती है। वहीं निक्षय मित्र योजना टीबी उन्मूलन के प्रयासों में जन भागीदारी सुनिश्चित कराने का एक कारगर प्रयास है। इसमें कोई भी सक्षम व्यक्ति किसी टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें पोषण, रोजगार, चिकित्सा संबंधी सेवाएं उपलब्ध करा सकता है। उन्होंने बताया कि जिले में टीबी के 2584 इलाजरत मरीज हैं। वहीं 88 निक्षय मित्रों द्वारा कुल 202 टीबी मरीजों तक जरूरी मदद उपलब्ध करायी जा रही है।

समय पर जांच व इलाज जरूरी –

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के लिये जन जागरूकता जरूरी है। निक्षय दिवस टीबी मरीजों की खोज व समुचित इलाज संबंधी सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने की पहल है। उन्होंने कहा कि जिले में निर्धारित समय सीमा के भीतर टीबी उन्मूलन संबंधी लक्ष्य की प्राप्ति के लिये युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोग उनमूलन के लिये समय पर जांच व इलाज महत्वपूर्ण है।

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