राष्ट्रीय बलिका दिवस पर खास बेटी को न समझो भार, यह हैं जीवन का आधारःजिला प्रोबेशन अधिकारी
✍️ दिव्या बाजपेई
कन्नौज । देश में हर वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत साल 2008 में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय द्वारा की गई थी । जिला प्रोबेशन अधिकारी ईरा आर्या ने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना,साथ ही उनके साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है। जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण इस दिवस पर इस बार किसी तरह का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका पर इसका मतलब यह नहीं कि हम बेटियों के अधिकारों और सम्मान के बारे में सोचना बंद कर दें। उन्होंने बताया कि बेटी के जन्म पर आज भी लोग बधाई देने से पहले कई बार सोचते हैं। बेटे की चाह में बेटी को गर्भ में ही मार दिया जाता है, लेकिन आज के युग में बेटियां किसी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में बेटियाँ बेटों से आगे निकलकर पुराने जमाने के भ्रम को तोड़ने में लगी हुई हैं। इसी को ध्यान में रखतें हुए शासन द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने, लैंगिक अनुपात स्थापित करने,बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देने तथा बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कन्या सुमंगला योजना लागू की गई है जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय राठौर ने बताया कि कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से बालिकाओं को छह किस्तों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। पहली किस्त 2000 रुपये की होती है जो कि जन्म के समय प्रदान की जाती है। दूसरी किस्त एक वर्ष के टीकाकरण के बाद प्रदान की जाती है जो कि 1000 रुपये की होती है। कक्षा एक में प्रवेश लेने पर तीसरी किस्त प्रदान की जाती है जो की 2000 रुपये की होती है। कक्षा छह में प्रवेश लेने पर चौथी किस्त प्रदान की जाती है जो कि 2000 रुपये की होती है। पांचवी किस्त कक्षा नौ में प्रवेश लेने पर प्रदान की जाती है जो कि 3000 रुपये की होती है। छठी किस्त डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर प्रदान की जाती है जो कि 5000 रुपये की होती है। इस योजना के तहत जिले में अभी तक इस वित्तीय वर्ष में 7879 कन्याओं को लाभ दिया जा चुका है | उन्होंने बताया कि सुमंगला योजना का लाभ लेने के लिए स्थाई निवास प्रमाणपत्र के साथ आधार के रूप में एक आईडी देनी होगी। लाभार्थी की वार्षिक आय तीन लाख रुपए तक होनी चाहिए। दो बच्चों से अधिक होने पर इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही किसी महिला के दूसरे प्रसव से जुड़वां बच्चे होने पर तीसरे संतान के रूप में लड़की को भी लाभ मिल सकेगा। यहीं नहीं अगर पहले प्रसव से बालिका है तो दूसरे प्रसव से दो जुड़वां बेटियों के जन्म पर तीनों को लाभ दिए जाने का प्रावधान किया गया है।