शहादत दिवस पर जन जागरण शक्ति संगठन के युवा साथियों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की कुर्बानी को किया याद


*देश को बांटने की कोशिश को भगत सिंह के विचारों से करेंगे नाकाम , समाजवाद के लिए करेंगे काम

शहादत दिवस पर जन जागरण शक्ति संगठन के युवा साथियों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की कुर्बानी को किया याद*
*देश को बांटने की कोशिश को भगत सिंह के विचारों से करेंगे नाकाम , समाजवाद के लिए करेंगे काम

अररिया
भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु की शहादत दिवस पर बुधवार को जन जागरण शक्ति संगठन के युवा साथियों द्वारा एक रैली निकाली गयी, जो चांदनी चौक पर एक सभा में तब्दील हो गया | रैली जय प्रकाश नगर से निकल कर बस स्टैंड होते हुए चांदनी चौक पहुंची। रैली में अररिया के सैंकड़ों नौजवान लड़के लडकियां शामिल हुए और उन्होंने खूब नारा लगाया. रैली के साथ चल रही सुसज्जित कठपुतलियाँ लोगों के ख़ास आकर्षण का केंद्र बनी रही। सभा में जितेन्द्र पासवान ने मैथिलि में रचित अपने गीतों से लोगों में उत्साह भर दिया।
ज्ञात हो कि 23 मार्च, 1931 में, यानी 92 साल पहले इन्हें फांसी दे दी गयी थी , इस दिन को पूरे देश में शाहदत दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर संगठन के युवा साथी जयमंती ने कहा कि भगत सिंह 23 साल की उम्र में ही राजगुरु और सुखदेव के साथ हँसते हँसते फांसी पर चढ़ गए, पर क्या हम भगत सिंह के विचारों को ज़िंदा रखने को राज़ी हैं ? उन्होंने कहा कि हालाँकि किसी को पुण्यतिथि या जन्‍मदिन पर याद करना, औपचारिकता ही लगती है। इसके बावजूद यह औपचारिकता कई बार जरूरी है। खासतौर पर उस वक्त जब हम देशभक्ति की बातें तो बड़ी बड़ी करें पर देश में रहने वाले लोगों के बारे में ज़रा भी ना सोचें |
संगठन के साथी तन्मय ने भगत सिंह के विचारों से लोगों को अवगत अराने के लिए भगत सिंह की रचनाओं में से चुनी गयी कुछ लाइनें लोगों के बीच रखी । उन्होंने कहा कि आज धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश बड़े ज़ोरों पर है । ऐसे वक्त में भगत सिंह की बात कि ““धर्म व्यक्ति का निजि मामला है, इसमें दूसरे का कोई दखल नहीं, न ही इसे राजनीति में घुसाना चाहिए”, “संसार के सभी गरीबों के, चाहे वे किसी भी जाति, रंग, धर्म या राष्‍ट्र के हों, हक एक ही हैं” याद रखनी चाहिए ।
संगठन के सचिव आशीष रंजन ने कहा कि भगत सिंह सिर्फ अंग्रेजों से आजादी की बात नहीं कर रहे थे, वे शोषण से आजादी की बात कर रहे थे । उन्होंने कहा “अंग्रेज़ी दासता के विरुद्ध संघर्ष तो हमारे युद्ध का पहला मोर्चा है …. लड़ाई तो शोषण के विरुद्ध है, चाहे वह मनुष्य द्वारा मनुष्य का हो या एक राष्ट्र द्वारा दुसरे राष्ट्र का|”
इस मौके पर भगत सिंह पर एक पर्चा निकाला गया । सभा को संगठन के शिवनारायण, वाम दल के रामविनय राय और अभिषेक कुमर, शिक्षक मनीष कुमर, ऑटो ड्राइवर यूनियन के सब्यसाची, अरुण राय, युवा साथी डोली, मुन्ना कुमर भारती, फुलेश्वर, आदि ने संबोधित किया । कैंडल मार्च में अररिया के कई प्रबुद्ध लोग शामिल हुए । सभा का संचालन जयमंती ने किया । इस मौके पर
जन जागरण शक्ति संगठन की ओर से – तन्मय, शिवनारायण, डोली और जयमंती आदि महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहे।
अररिया फोटो नंबर 1

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