दिव्या ज्योति जागृती संस्थान द्वारा आयोजित श्री राम कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास साध्वी सुश्री गरिमा भारती जी ने सीता स्वयंवर प्रसंग को किया प्रस्तुत
दिव्या ज्योति जागृती संस्थान द्वारा आयोजित श्री राम कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास साध्वी सुश्री गरिमा भारती जी ने सीता स्वयंवर प्रसंग को किया प्रस्तुत
(पंजाब)फिरोजपुर 28 जनवरी {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से आयोजित श्री राम कथा तृतीय दिवस में कथा व्यास साध्वी सुश्री गरिमा भारती जी ने सीता स्वयंवर प्रसंग को प्रस्तुत किया। प्रभु श्री राम जी ऋषि विश्वामित्र जी के संग वन प्रांत में जाकर आसुरी शक्तियों को समाप्त करते हैं। साध्वी जी ने समझाते हुए कहा कि वास्तव में हमारा मन एक वन का प्रतीक है। ताड़का और सुबाहु मारीच इत्यादि असुर हमारे मन में उठने वाले लोभ, मोह, अहंकार का प्रतीक है। जिस प्रकार से वन प्रांत में प्रभु श्रीराम के प्रकट होने पर आसुरी शक्तियों का अंत हुआ। अंधकार व अज्ञानता समाप्त हुए और शांति के साम्राज्य की स्थापना हुई ठीक वैसे ही हमारे अंतर्गत में जब श्रीराम का प्राकट्य होगा, तब इन विकारों के ऊपर अंकुश लग पाएगा। आवश्यकता है एक सतगुरु के शरणागत होकर अपने अंदर श्रीराम को प्रकट करने की।
साध्वी जी ने बताया कि प्रभु श्री राम जनकपुरी में जाते हैं। जहाँ प्रभु श्री राम की मुलाकात पुष्प वाटिका में माँ जानकी से होती है। माता सीता प्रभु श्री राम की सहयोगिनी बन कर उनकी नर लीला में सहयोगी बनती हैं।
कथा का शुभारम्भ पूजन से हुआ जिसमें अशोक शर्मा और मनोज लिंबा ने परिवार सहित हिस्सा लिया।साध्वी बहनों व भाईयों ने संगीतमय भजनों के माध्यम से उपस्थित जन समूह को आनन्द विभोर किया।
डॉ दर्शन आहूजा,विजित मिगलानी,प्रदेशाध्यक्ष स्पैशल ओलम्पिक राजस्थान विनीता आहूजा,डॉ हिमांशू आहूजा,महंत गौरी माई,नितिन खारीवाल, योगेश मंगल, सोहन लाल सहारण,किशन खारीवाल,कृष्णा मन्दिर पुरानी आबादी से जगदीश सिडाना,वेद प्रकाश कालड़ा,अरुण अग्रवाल आदि ने मंगल आरती की।