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हमारा संविधान सशक्त लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक, हर नागरिक को समान अधिकार – संघमित्रा गौतम

आजमगढ़ ब्यूरो।
आजमगढ़ के अम्बेडकर पार्क में 76वें संविधान दिवस पर प्रस्तावना का सामूहिक पाठ और शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित हुआ। संघमित्रा गौतम लक्ष्य कमांडर ने कहा कि डॉ.आंबेडकर की दूरदृष्टि से निर्मित भारतीय संविधान विश्व के सबसे मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है और यह हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है आज 76वें संविधान दिवस के अवसर पर पूरे देश में विभिन्न आयोजन हो रहे हैं। इस मौके पर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ और शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी हुआ, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. राकेश बौद्ध कहां कि न्याय, समता और बंधुता भारत के संविधान की मूल भावना हैं।

‘भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की अद्भुत दृष्टि, प्रखर विचार और अथक परिश्रम से निर्मित हमारा संविधान विश्व के सबसे सशक्त लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। संविधान, राष्ट्र की एकता, अखंडता और प्रगति का आधार होने के साथ ही हर नागरिक को समान अधिकार, सम्मान और अवसर भी प्रदान करता है। 26 नवंबर 1949 को संविधान अंगीकृत हुआ था और 2015 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से पूरे देश में इसे संविधान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में इसे तैयार किया, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद अध्यक्ष थे और डॉ. अम्बेडकर की ड्राफ्टिंग कमेटी की भूमिका अहम रही।हमारा संविधान सशक्त लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक, हर नागरिक को समान अधिकार – संघमित्रा गौतम
आज लोग स्वतंत्रता की कीमत भूलते जा रहे हैं। क्रूर यातनाएं न देखने-सहने के कारण हर व्यक्ति सिर्फ अधिकार की बात करता है, जबकि अधिकार तभी सुरक्षित होते हैं जब हम कर्तव्यों का पालन करें। कर्तव्यहीनता से लोकतंत्र कमजोर होता है और तानाशाही पनपती है।
26 नवंबर 1949 को बाबा साहेब के नेतृत्व की ड्रॉफ्टिंग कमेटी ने भारत के संविधान की मूल प्रति संविधान सभा को सौंपा था। हर भारतवासी के घर में उसकी प्रति होनी चाहिए। हर परिवार में उसकी प्रस्तावना का वाचन होना चाहिए। सीएम ने मूल प्रस्तावना के साथ उसके भाव की चर्चा की और कहा कि भारत के मूल संविधान में पुष्पक विमान से अयोध्या के लिए भगवान श्रीराम का माता सीता और महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के द्वारा गीता के उपदेश का चित्र भी है।
कार्यक्रम में रेखा अम्बेडकर (शिक्षिका), शैलेन्द्री बौद्ध (शिक्षिका), सुशीला बौद्ध (समाज सेविका) शीलदाता-महाउपासिका रेखा बौद्ध डॉ. राकेश बौद्ध (प्रोफेसर- गणिनाथ महाविद्यालय मु० गोहना-मऊ), राजकुमारी कौशल (लक्ष्य कमांडर, लखनऊ), डॉ. गीता शाक्य (प्रोफेसर – शिब्ली कालेज), डॉ. प्रभा कौल (प्रोफेसर), डॉ. पूजा पल्लवी (अंबारी), राम बहादुर उर्फ जब्बार, मुन्नर बौद्ध (भूतपूर्व अंग्रेजी प्रवक्ता प्रयागराज), डॉ. रूद्रा (समाजसेवी), जहीन हुमा (एडवोकेट),विशिष्ट अतिथि- विश्वनाथ जी (लेखाधिकारी शिक्षा विभाग), डॉ. निशिकान्ता, गीता बौद्ध (शिक्षिका), डॉ जगदेव प्रसाद, अनन्त शील कौशाम्बी, राम प्यारे जी (खंड शिक्षाधिकरी, आशा सहाय बौद्ध, संजय सहाय (सेक्रेटरी), रामश्रय सोनकर, विरेन्द्र राव (मऊ), विमला (शिक्षिका), शशी अम्बेडकर, संगीता सरोज (प्रधानाध्यापिका), (शिक्षिका), रंजना जी, संगीता जी (प्रवक्ता GGIC), ललीता भारती (शिक्षिका), अरविन्द राणा, राम वृक्ष गौतम, सुशीला भारती (रौनापार), मिथिलेस सर, राजनारायण सर, कमलेश, उमाशंकर (ARP), सुनीता, डिम्पल यादव, सरोज यादव, कबीता, रुक्मणि कुशवाहा, डॉ. प्रमोद गौतम, चन्दा भारती, सविता बौद्ध, ममता बौद्ध, ई. शिवमुरत, ई. हरहंगी राम जी, सन्तलाल आनन्द जी, तीरथ राम जी, लालचन्द जी (ट्रेजरी), इन्द्रदेव राव जी, रामभवन जी, ज्वाला प्रसाद जी (प्रिंसिपल) राजेन्द्र मास्टर, कैलाश (महाप्रधान), डॉ. चन्द्रकेश, डॉ. उदयराज, बसन्त बौद्ध, रमेश, बिरेन्द्र बहादुर, नीतिश (कलेट्री), पूनम बाला (शिक्षिका), डॉ. रामबिलास भारती, विनोद राव भारती (दुर्गा इण्टर कालेज चंडेश्वर आजमगढ़), डॉ. शशी कपूर संजीव मास्टर, उषा बौद्ध (शिक्षिका), सरिता बौद्ध (शिक्षिका), रानू जी (शिक्षिका), हेमलता (शिक्षिका), अवधेश बौद्ध, संजय सर (प्रदेश संरक्षक ABAJAKA), फौजदार जी (पूर्व BRC हरैया) धनबहादुर (सेक्रेटरी), शशीकला (आशा), डॉ. मनोज विमल (KGMU लखनऊ), एडवोकेट कमला प्रसाद सोनकर, डॉ. मीता सरल (प्रोफेसर), पी.एल. सोनकर (विद्युन विभाग), आचार्य अजीत चन्द्र, दिवाकर बौद्ध, डॉ. के.एन. राम, कैलाश कुमार (शिक्षक), विजय पायलट, सतिराम (शिक्षक), जे. सी. गौतम, शिला सरोज (शिक्षिका) आदि लोगो ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए

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