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चित्रकार डॉक्टर अजय रघुवंशी की कला और उसका नवीन चित्रकारों पर प्रभाव

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : एक कलाकार की कलाकृति तभी संपूर्ण एवं वास्तविक मानी जाती है जब उसको देखने वाला व्यक्ति उसी गहराई तक पहुंच जाता है जिस गहराई से कलाकार ने अपनी कृति का सर्जन किया है l किसी भी चित्रकार अथवा कलाकार की पहचान उसके जन्म धर्म जाति से नहीं बरन उसकी कलाकृतियां से होती है जो समाज, राष्ट्र में उसे प्रतिष्ठा प्राप्त करlती है l ऐसे ही कलाकारों में से एक है चित्रकार डॉ अजय रघुवंशी l विलक्षण प्रतिभा के धनी चित्रकार डॉक्टर अजय रघुवंशी का जन्म बरेली के साधारण परिवार में 2 जुलाई 1972 को हुआ l पिता श्री देवी सिंह पूर्वोत्तर रेलवे वर्कशॉप इज्जत नगर में कार्यालय अधीक्षक के पद पर रहे तथा माता ग्रहणी हैl पिता की चार संतानों में से दूसरे नंबर की संतान डॉ अजय रघुवंशी की प्रारंभिक स्कूली शिक्षा – श्री गोपाल पाठशाला, विष्णु इंटर कॉलेज एवं मनोहर भूषण इंटर कॉलेज बरेली में हुई l
इन्होंने सन1988 में आई जी बॉम्बे, महाराष्ट्र सरकार, और 1994 में मूर्ति कला में डिप्लोमा रोहिलखंड विश्वविद्यालय से प्राप्त किया इसी दौरान 1993 में लगातार बिना रुके 67 घंटे चित्रकारी कर इन्होंने अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया l साथ ही सामूहिक रूप से हाई रेंज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, मार्वलयस बुक रिकॉर्ड मैं नाम दर्ज कराया l बेस्ट आर्टिस्ट अवार्ड 1994, नागरिक सम्मान 1994 , उत्तर प्रदेश कौमी एकता अवार्ड 1995 , राष्ट्रीय अवंतिका अवार्ड 1998 नई दिल्ली, आईफा अवार्ड 2010, उत्तर प्रदेश आर्ट फेस्टिवल अवार्ड 2019, कला रत्न सम्मान 2019, वेस्ट अचीवमेंट अवार्ड 2020 पुणे महाराष्ट्र, कलाश्री सम्मान 2020, रेलवेअवार्ड 2011, 2018, 2020 नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे, भारत सरकार l अचीवमेंट अवार्ड 2022 कोलकाता, पश्चिम बंगाल l से सम्मानित अजय रघुवंशी ने बरेली कॉलेज बरेली से पोस्ट ग्रेजुएशन चित्रकला 1999 तथा 2008 में एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि ( कांगड़ा की चित्रकला में भारतीय चित्रकला के 6 अंगों की सार्थकता की विवेचना ) विषय पर प्राप्त की l इसके अतिरिक्त इन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी, समाजशास्त्र, शिक्षा शास्त्र, राजनीति शास्त्र, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, आधुनिक इतिहास सहित आठ विषयों में डिग्री प्राप्त की l
राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित चित्रकार डॉक्टर अजय रघुवंशी की पेंटिंग्स प्रदर्शनियां दिल्ली, कोलकाता, चंडीगढ़, पंजाब , ग्वालियर, पुणे,भोपाल, जयपुर, जम्मू कश्मीर , उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि की नामी आर्ट गैलरी में लग चुकी है
चित्रकार डॉक्टर अजय रघुवंशी को राष्ट्रीय स्तर पर अनेकोवार सम्मानित किया चुका है आपकी ख्याति का मूलाधार चित्रों की विषय वस्तु और उनमें प्रयुक्त तकनीक की विविधता है l तेल चित्र – सोर्स एवं फिक्र एवं एक्रेलिक रंगों से बनी मां गंगा, परिवार आदि प्रमुख कृतियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली समाज की ज्वलंत समस्याओं को उजागर करने वाले चित्रकार डॉ अजय रघुवंशी ने जल रंगों के द्वारा दृश्य चित्रों में भी महारत हासिल की l राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश एवं ऑल इंडिया फाइन आर्ट एंड क्राफ्ट समिति नई दिल्ली मैं भी जल रंग कृतियों को स्थान दिया l
राष्ट्रीय कला रत्न सम्मान 2024 ,अंतरंग कला समिति एवं राज्य ललित कला अकादमी राजस्थान द्वारा सम्मानित चित्रकार डॉ अजय रघुवंशी को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा, प्रधानमंत्री माननीय विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर एवं उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री बी सत्यनारायण रेड्डी द्वारा आपकी कला की प्रशंसा कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया l डॉ अजय रघुवंशी की अब तक 9 , वन मैन शो चित्रकला प्रदर्शनिया, 54 सामूहिक कल प्रदर्शनियां 32, कार्यशाला में भागीदारी सुनिश्चित कर ली है तथा अब तक 10000, कृतियों का सृजन कर चुके हैं l भाभी चित्रकारों के लिए प्रेरणा के स्रोत चित्रकार डॉक्टर अजय रघुवंशी 1991 से बरेली में चित्रकार संघ के माध्यम से राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कलl के प्रचार व प्रसार के लिए एवं नवीन कलाकारों को अग्रणी बनाने के लिए आर्ट कैंप , सेमिनार प्रदर्शनियों का आयोजन निरंतर करते आ रहे हैं l

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