प्राणायाम शरीर को आंतरिक शक्ति प्रदान कर गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखता है:-योगाचार्य स्वामी विज्ञानानंद

प्राणायाम शरीर को आंतरिक शक्ति प्रदान कर गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखता है:-योगाचार्य स्वामी विज्ञानानंद
(पंजाब) फिरोजपुर 21 मई
[कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=
दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से जानकारी देते हुए साध्वी सोनिया भारती ने बताया कि दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आगामी योग दिवस के उपलक्ष्य में संस्थान द्वारा संचालित आरोग्य प्रकल्प के अंतर्गत पूरे भारत वर्ष में योग शिविर आयोजित किए जा रहे हैं उसी श्रृंखला में श्रीगंगानगर में भी योग शिविर चल रहे हैं।स्थानीय “आदर्श नगर पार्क” में संस्थान की ओर से “श्री आशुतोष महाराज जी” के शिष्य योगाचार्य स्वामी विज्ञानानन्द जी ने बताया कि प्राणायाम का योग में बहुत महत्व है। यह श्वास की क्रियाओं से संबंधित है। स्थूल रूप में यह जीवनधारक शक्ति अर्थात प्राण से सम्बंधित है। इस प्रकार प्राणायाम का अर्थ श्वास का दीर्घीकरण और फिर उसका नियंत्रण है। यह एक ऐसा अभ्यास है जो शरीर को आंतरिक शक्ति प्रदान करने के साथ तमाम तरह की गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए प्राणायाम काफी लाभदायक हो सकता है। स्वामी विवेकानंद इस विषय में अपना मत व्यक्त करते हैं, “प्राणायाम में सिद्ध होने पर हमारे लिए मानो अनंत शक्ति का द्वार खुल जाता है।
स्वामी जी ने उपस्थित साधकों को असाध्य रोगों के निराकरण सम्बंधित यौगिक क्रियाओं में अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, कपाल भाति यौगिक प्रक्रिया, सूर्य भेदी प्राणायाम, उदराकर्षण आसन, कटि चक्रासन, ब्रह्मचर्यासन, बाह्य यौगिक क्रिया, अर्धचंद्रासन, नौकासन, स्कन्ध चालन, पाद चालन, उत्तिष्ट तान आसन इत्यादि क्रियाओं का अभ्यास करवाया और साथ ही इनके दैहिक लाभों से परिचित भी करवाया।
कार्यक्रम का आरम्भ विधिवत् वेद मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी के साथ सभी योग साधकों ने शान्ति मन्त्र का उच्चारण कर सर्व जगत कल्याण की प्रार्थना भी की।
श्रीगंगानगर में आयोजित योग शिविर में सैकड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं।