जयराम विद्यापीठ में होगा शंखनाद एवं महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा से पूरी होगी हर मनोकामना पूर्ण और कटेंगे सारे कष्ट : आचार्य लेखवार।
कुरुक्षेत्र, 15 फरवरी : जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से जयराम विद्यापीठ में स्थित श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में विद्यापीठ के ट्रस्टियों एवं शिव भक्तों द्वारा शंखनाद एवं महामृत्युंजय मंत्र जाप के साथ महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक किया जाएगा। आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार ने बताया कि जयराम विद्यापीठ में पूरा दिन महाशिवरात्रि पर दूर दूर से आने वाले यजमानों एवं शिव भक्तों के लिए ब्रह्मचारियों द्वारा महाभिषेक एवं विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर सर्वकल्याण की भावना से पूजन होगा। उन्होंने बताया कि भगवान शिव कल्याण के देवता माने जाते हैं। पूजा से शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देने वाले भगवान शिव को उनके भक्त देवों के देव महादेव, औढरदानी, भोलेनाथ, शंकर, गंगाधर, नीलकंठ, बाबा आदि नाम से बुलाते हैं। आचार्य लेखवार ने बताया शिव की साधना का सबसे बड़ा महापर्व महाशिवरात्रि को माना गया है, जो कि 18 फरवरी को मनाई जाएगी। भगवान शिव की कृपा दिलाने वाले इस पावन पर्व पर साधक विभिन्न प्रकार की पूजा के माध्यम से देवों के देव महादेव को मनाने और अपनी मनोकामना को पूरा करने का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। आचार्य लेखवार ने बताया भगवान शिव के महापर्व पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है। रुद्राभिषेक दो शब्दों रुद्र और अभिषेक से मिलकर बना है। इसमें रुद्र शब्द का अर्थ भगवान शिव है अर्थात शिव का अभिषेक। जिसे विधि-विधान से करने पर जीवन से जुड़े सभी दोष, रोग, शोक दूर होते हैं और शिव कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में अलग-अलग चीजों से रुद्राभिषेक का अलग-अलग महत्व बताया गया है।
आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार।