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यूपी के नोहालों द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार से विद्यालय

यूपी के नोहालों द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार से विद्यालय बंद न करने की भावुक अपील। 21 जुलाई 2025 बदायूं कृष्ण हरी शर्मा जिला संवाददाता बीबी न्यूज़ बदायूं। इस समय यूपी में कम संख्या वाले प्राइमरी विद्यालयों को मर्ज करने की व्यवस्था चल रही है जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कम संख्या वाले बच्चों के लिए पास के गांव की किसी अन्यत्र विद्यालय में अटैच करने की व्यवस्था बनाई जा रही है उसी का एक भावुक वीडियो वायरल हो रहा है इसमें बच्चे अपने पूर्व विद्यालय में पढ़ने के लिए आये हैं विद्यालय बंद देखकर के वह विद्यालय का गेट खोलने का आग्रह कर रहे हैं विद्यालय का गेट न खोलने पर यह बच्चे भावुक होकर रो रहे हैं जबकि माता-पिता उन्हें समझा रहे हैं कि दूसरे विद्यालय में अध्ययन के लिए चलिए लेकिन यह बच्चे इस विद्यालय में अध्ययन करने के लिए जिद पर खड़े हुए हैं और रो रहे हैं जहां नई शिक्षा नीति 2020 ,2023 के अधीन शिक्षा के अधिकार के तहत सभी को शिक्षा सुलभ कराने का सरकार का लक्ष्य है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की विद्यालय मर्ज करने की नीति इसके विरोध में प्रतीत हो रही है इसके लिए विद्यालय के अध्यापक और प्रदेश की सरकार की व्यवस्था दोनों ही उत्तरदाई है जिससे निरंतर इन विद्यालयों में छात्रों की संख्या गिरती गई और मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी अध्यापकों ने इसकी कोई भी चिंता नहीं की और वह केवल एक सरकारी मुलाजिम बन करके रह गए सरकार ने भी इन अध्यापकों को अध्यापक कम बल्कि क्लर्क और वहुउद्देश्य कर्मी बनाकर उनसे विभिन्न प्रकार के काम लेना शुरू कर दिया जनगणना चुनाव की लिस्ट विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण इनमें अध्यापकों को लगाए जाने लगा जिससे अध्यापक शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था से दूर होता गया और अब उसकी आदत में इस प्रकार के काम खोजने का एक स्वभाव बन गया जिससे आम लोगों के नौनिहाल अब निश्चित रूप से शिक्षा से विमुख होंगे और समाज के शैक्षिक उन्नयन में और कठिनाइयां होगी तथा प्राइवेट विद्यालयों को आम लोगों को लूटने का और अधिक मौका मिलेगा जिससे बड़े-बड़े व्यवसायी मोटी रकम वसूल करके शिक्षा का व्यवसायीकरण करेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में कभी किताबों की कमीशन के नाम पर कभी मोटी फीस के नाम पर कभी वेश के नाम पर बालकों के अभिभावकों को लूटा जाएगा तथा वहां पर अप्वॉइंट किए गए शिक्षकों का भी भरपूर शोषण होगा क्योंकि 2017 के बाद बीटीसी किए हुए बड़ी संख्या में छात्र जिन्होंने टैट सीटेट पास कर लिया है वर्तमान सरकार उन छात्रों के लिए कोई भी उपयुक्त नीति नहीं ला पाई है ऐसे में युवा प्रतिवर्ष बीटीसी और बीएड करके बेरोजगार होकर घर पर बैठे हैं कोई भी नियमित रूप से नहीं हो पा रही है अगर किसी में दो परीक्षा होनी है तो एक-एक परीक्षा होने के बाद दूसरी परीक्षा और दूसरी परीक्षा होने के बाद इंटरव्यू के लिए एक-एक साल का समय लग रहा है इसे यह परिलक्षित हो रहा है कि यूपी सरकार नौकरी न देकर उन्हें उलझाए रखना चाहती है अधिकांश विभागों में संविदा कर्मी काम कर रहे हैं जिससे युवकों का शोषण हो रहा है बिजली विभाग में प्रतिवर्ष सैकड़ो की संख्या में संविदा कर्मी करंट की चपेट में आकर अपनी जान गवा देते हैं लेकिन उनके लिए कोई भी मुआवजा आदि नहीं मिल पाता है इसी प्रकार से प्राइवेट स्कूलों में बहुत थोड़ी तनख्वाह पर काम करना इन प्रतिभाशाली युवाओं की मजबूरी हो गई है यदि ऐसा ही रहा तो उत्तर प्रदेश का शैक्षिक स्तर दिनों दिन बहुत ही गिरता चला जाएगा और वर्तमान युवा पीढ़ी उत्तर प्रदेश सरकार से बेहद नाराज होकर के उनके खिलाफ होती जा रही है क्योंकि पढ़े-लिखे युवाओं को आप मूर्ख नहीं बना सकते कहा भी गया है आप सब लोगों को एक बार मूड बना सकते हो कुछ लोगों को कुछ समय तक मूर्ख बना सकते हो लेकिन कुछ लोगों को हमेशा के लिए मूर्ख नहीं बनाया जा सकता अतः उत्तर प्रदेश सरकार पढ़े-लिखे योग्य युवकों को रोजगार और नौकरी देने की सोच तथा एक योजना बनाई जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का उन्नयन हो तथा 999 वालों का भविष्य अंधकार में ना हो फ्री का अनाज और फ्री की सुविधा देकर के लोगों को आकर्मण बनाना भविष्य में अंग्रेजों की नीति पर ही काम करना है तथा पुराने जमाने में जिस प्रकार से जमींदार लोग लोगों के लिए भूख मिटाने को रोटी दे देते थे और पूरे दिन उनसे बेगार कराते थे यह वही व्यवस्था सरकार कर रही है इससे सरकार को बचाना चाहिए वरना लंबे समय तक यह व्यवस्था नहीं चल पाएगी युवकों में आक्रोश दिनों दिन बढ़ता जा रहा है

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