सनातनियों की सरकार में हिन्दुराष्ट्र बनाने की आधारशिला का सर्वोत्तम समय : शंकराचार्य।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : अंतराष्ट्रीय श्रीमद्भागवत गीता महोत्सव में सैनी समाज में धर्मपाल की अध्यक्षता में बुधवार और वीरवार को चतुर्थ हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें प्रमुख अतिथि जगन्नाथ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि वैदिक काल से भारत सनातन संस्कृति परम्परा का अनुसरण करता आया है, शंकराचार्य ने बताया कि कैसे बाहरी विधर्मी आक्रांताओं ने शताब्दियों तक देश के मंदिरों को लूटकर उनको तोड़ने का जघन्य अपराध किया, सनातनियों का नरसंहार किया, बहन बेटियों की अस्मिता को लूटा गया।
शंकराचार्य ने बताया कि कैसे अंग्रेजों ने षड्यंत्र से 200 वर्षों में भारत में सत्ता के भोगी गंदी राजनीति करने वालों के साथ मिलकर अखण्ड भारत से पाकिस्तान, भूटान, वर्मा, म्यामांर, श्रीलंका, बांग्लादेश, इराक, ईरान, नेपाल और अफगानिस्तान जैसे अनेक देश बनांकर भारत को खंडित किया, कैलाश मानसरोवर, पशुपतिनाथ, कटासराज, हिंगलाज माता मंदिर, ननकाना साहिब, एलओसी और एलएसी जो कि भारत भूमि होना चाहिए था वो देश के विभाजन करके पड़ोसी देशों को उपहार स्वरूप दे दिया गया, अभी भी पाकिस्तान औऱ चीन भारत की भूमि पर गंदी नज़रे गड़ाए बैठे हैं, वो जब तक ऐसी घिनौनी हरकतों के निरंतर षड्यंत्र रचते रहेंगे।
शंकराचार्य जी ने केंद्र सरकार और हिन्दू संगठनों को सचेत करते हुए, भारत की वर्तमान स्थिति का संज्ञान लेते हुए जनमानस में सनातन धर्म घर घर पहुचाने के लिए संदेश दिया, और ये भी कहा है कि पिछले 8 वर्षों से केंद्र में पूर्ण बहुमत से सनातनियों की सरकार है अब शेष 2 वर्ष बचे हैं आप 2024 की प्रतीक्षा मत करो और अब बिल्कुल सही समय आ गया है भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। हम सब भारतीय को एक जुट हो कर हिंदू राष्ट्र के लिए आवाज उठानी चाहिए। हम ने सरकार को 2 साल का समय दिया, ये निमित्तमात्र की ही नहीं आपूति ये 140 करोड़ देशवासियों समस्त भारत की जनता की आवाज है।
कार्यक्रम के आयोजन समिति में कार्यक्रम के सयोंजक मनोज भारद्वाज, विपिन धीमान सह सयोंजक, राकेश आर्य एसएसएच सयोंजक, आरडी शर्मा, राकेश कठवाड, धर्मवीर बुरा अधिवक्ता, विनोद, धर्मपाल, नितिन बठला, शुभम दबखेड़ी, गौरव पलवल, दविंदर शर्मा, डॉ. विशम्भर, बलविंदर बनवाला, डॉ. सुमित आचार्य, जयकिशन शर्मा और अंकित सांच व अन्य समिति सदस्य उपस्थित रहे।