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सेंट्रल डेस्क – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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पुस्तक में भगवान देवनारायण की लीलाओं का फड़कथा रूप का विस्तार से वर्णन।
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राजस्थान पुष्कर :- तीर्थराज पुष्कर में लोक देवता भगवान देवनारायण की लीलाओं पर आधारित पुस्तक श्री देवनारायण फड़कथा का विमोचन भुणा जी मंदिर के महंत प्रेमनाथ, महंत चिड़िया दास के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस अवसर पर भगवान देवनारायण के अवतरण काल का विस्तार से उल्लेख हुआ।
तीर्थराज पुष्कर के भुणा जी मंदिर प्रांगण में आहूत पुस्तक विमोचन के दौरान भुणा जी मंदिर के महंत प्रेमनाथ ने कहा कि भगवान देवनारायण का लोक अवतरण जगत उत्थान के लिए हुआ। उन्होंने धर्म कर्म की स्थापना के साथ साथ सामाजिक समरसता बढ़ाने, पाखंड , वैमनस्यता को दूर करने का सार्थक संदेश दिया। प्रकृति के संरक्षण के रूप में दुनिया को बड़ा पाठ पढ़ाया। इस संदर्भ में यह पुस्तक आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्र में जागरण की ज्योत जलायेगी। सवाई भोज मंदिर के महंत चिड़िया दास ने इस अवसर पर कहा कि भगवान देवनारायण ने मानवीय परंपराओं की सुस्थापना की। समाज के सभी वर्गों में भगवान देवनारायण की मान्यता का अर्थ भी यही है कि भेदभाव रहित लोक व्यवस्थाओं को प्रतिस्थापित किया। श्री देवनारायण फड़ कथा पुस्तक आज के संक्रमण काल में धर्म कर्म से भटके लोगों को राह दिखायेगी। उन्होंने भगवान देवनारायण के लोक अवतरण पर आधारित इस पुस्तक के प्रकाशन पर आत्मिक प्रसन्नता जताई।
इस अवसर पर पुस्तक की लेखिका डॉ. संजीव कुमारी ने कहा की श्री देवनारायण फड़ कथा पुस्तक में भगवान देवनारायण की समस्त लोक लीलाओं का सचित्र वर्णन निहित है। पुस्तक की विशेषता यह है कि रंगीन फड़ चित्रों सहित लीलाओं का उल्लेख प्रसिद्ध भोपा सुखाराम गुज्जर की महती भूमिका के साथ बखूबी किया गया है। भोपा सुखाराम गुज्जर ने भी पुस्तक प्रकाशन के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का प्रकाशन सच्चे अर्थों में भगवान देवनारायण की शिक्षाओं को सहजता से अवगत कराता रहेगा। वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार राकेश छोकर ने भी कहा कि श्री देवनारायण फड़ कथा पुस्तक आज समाज के लिए एक अनमोल धरोहर साबित होगी। जिसमें भगवान देवनारायण का संदेश बखूबी समाहित है।
इस अवसर पर बनवारी लाल बटार, परमीत बटार, सानवी आदि की महत्वपूर्ण उपस्थिति रहीं।