फिरोजपुर 26 अगस्त {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान फिरोजपुर की और से श्री कृष्ण जन्माष्टमी को विशाल स्तर पर स्थानीय आश्रम में मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान की और से विशेष रूप से पधारे सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के पर्म शिष्य मानस मर्मज्ञ साध्वी सुश्री धात्री भारती जी ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आध्यात्मिक महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि सनातन धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से पूर्ण अवतार योगेश्वर भगवान कृष्ण का जन्म द्वापर युग के अंत में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में हुआ था। उन्होंने कंस के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्ति दिलाकर सनातन धर्म की पुनः स्थापना की थी।
उन्होंने अपने विचारों के माध्यम से श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं में निहित गहन आध्यात्मिक रहस्य को प्रकट किया ।
“यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत । अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ।। परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे”
अर्थात जब-जब भी धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है तब तब ही प्रभु कृष्ण अपने रूप को साकार रूप में लोगों के सम्मुख प्रकट होते हैं। साधुपुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण हर युग प्रकट हुआ करते हैं । साध्वी जी ने आगे अपने विचारों में बताया कि धर्म संस्थापना हेतु ईश्वर ने द्वापर युग में श्री कृष्ण रूप में अवतरित होकर अधर्म का अंत किया ओर धर्म की स्थापना की। श्री कृष्णा उसे समय धरा पर अवतरित हुए जिस समय हर और पाप का अत्याचार, दुराचार व अधर्म का साम्राज्य का पसारा था । श्री कृष्णा “का मुख्य उद्देश्य सज्जनों की रक्षा व दुष्टों का विनाश करना था। भगवत गीता के माध्यम से संसार को भक्ति और कर्मों के सिद्धांत से परिचित करवाया। गीता प्रदायक श्री कृष्ण ने भागवत गीता में इस तथ्य को स्पष्ट किया है कि जो लोग ईश्वर साक्षात्कार द्वारा शाश्वत सत्य का अनुभव कर लेते हैं वह जन्म मरण के चक्कर से मुक्त हो जाते हैं। ब्रह्म ज्ञान की अग्नि जीव के सभी कर्मों को जलाकर राख कर देती है। जैसे भगवान कृष्ण ने युद्ध के मैदान में ही अर्जुन को ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर दिया था और उसे सत्य से परिचित करवा दिया था। वैसे ही हमें आज ब्रह्म ज्ञान प्रदाता पूर्ण सतगुरु की आवश्यकता है जो हमें ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर सत्य से साक्षात्कार करवा दे । अंत में साध्वी करमाली भारती जी ने पहुंचे हुए सभी श्रद्धालुगनों का धन्यवाद किया और श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। प्रोग्राम में साध्वी पुष्प भद्रा भारती एवं साध्वी हीना भारती जी ने भावपूर्ण भजनों का गायन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई थी।