भारत – साहित्य एवं मीडिया महोत्सव- 2025, मुम्बई मे’ डाॅ. शमशेर जमदग्नि का विशिष्ट सम्बोधन

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी – दूरभाष – 9416191877
मुम्बई : सर्वविदित है कि साहित्य समाज का न केवल दर्पण होता है, बल्कि समाज को दिशा देने का महती कार्य भी करता है। जिस प्रकार पत्रकारिता एक विशिष्ट प्रकार का साहित्य होता है, उसी प्रकार साहित्य भी एक विशिष्ट प्रकार की पत्रकारिता होती है। इस दृष्टि से वर्तमान वर्ष 2025 अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रखता है, क्योंकि हिन्दी साहित्य एवं पत्रकारिता के कालजयी व्यक्तित्व पं. जुगुल किशोर शुक्ल द्वारा 200 वर्ष पूर्व 30 मई 1826 को कोलकात्ता से हिन्दी भाषा के प्रथम समाचार- पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ का विधिवत श्रीगणेश किया गया था, जिसका वर्तमान मे’ द्विशताब्दी वर्ष चल रहा है।
फलतः, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुम्बई, मुम्बई मराठी पत्रकार संघ, मुम्बई एवं काशी वाराणसी विरासत फाउण्डेशन, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान मे’ विगत दिनांक 15-16 नवम्बर 2025 को मुम्बई मे’ हिन्दी पत्रकारिता – प्रथम समाचार-पत्र – उदन्त मार्तण्ड – द्विशताब्दी वर्ष केन्दित ‘भारत – साहित्य एवं मीडिया महोत्सव- 2025′ का विधिवत आयोजन हुआ, जिसमे’ भारत के विभिन्न राज्यो’ से साहित्य एवं पत्रकारिता जगत के सुप्रसिद्ध विद्वानो’ की सहभागिता रही।
महत्वपूर्ण है कि सम्प्रति ‘भारत – साहित्य एवं मीडिया महोत्सव- 2025′ भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत लोकमान्य श्री बाल गंगाधर तिलक एवं सम्पादकाचार्य श्री बाबूराव विष्णु पराडकर की कालजयी साहित्य एवं पत्रकारिता सेवा को समर्पित रहा, जिनका हिन्दी एवं मराठी साहित्य एवं पत्रकारिता के विकास मे’ ऐतिहासिक योगदान रहा है। महोत्सव का श्रीगणेश श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, माननीय राज्यपाल, असम द्वारा उनके आनलाईन सम्बोधन के माध्यम से प्रदत आशीर्वचन से हुआ तथा ‘मुख्य अतिथि’ के रूप मे’ श्री आशीष सेलार, मा- सांस्कृतिक कार्य मन्त्री, महाराष्ट्र सरकार, मुम्बई की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनके द्वारा भारतीय भाषाओ’ के साहित्य एवं पत्रकारिता की महता पर प्रकाश डाला गया।
उल्लेखनीय है कि सम्प्रति राष्ट्रीय महोत्सव को प्रो. हितेंद्र मिश्र, निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, प्रो. सोमा बन्धोपाध्याय, कुलपति, बाबासाहेब अम्बेडकर विश्वविधालय, कोलकात्ता, श्री सन्दीप चौहान, अध्यक्ष, मुम्बई मराठी पत्रकार संघ, मुम्बई, प्रो. राममोहन पाठक, भूतपूर्व कुलपति, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचारिणी सभा, चेन्नई, स्वामी श्री सुरदास जी महाराज, अध्यक्ष, इस्कॉन, मुम्बई एवं डा. अमिता दुबे, प्रधान सम्पादक, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ आदि अनेक सुप्रसिद्ध विद्वानो’ द्वारा सम्बोधित किया गया तथा भारतीय साहित्य एवं पत्रकारिता की महता को चरितार्थ किया गया।
भारतमातरम राष्ट्रपीठ, नई दिल्ली के सूत्रधार डा. शमशेर जमदग्नि, जो एक सुप्रसिद्ध भारतवादी साहित्यकार, नई दिल्ली है’, की भी ‘भारत – साहित्य एवं मीडिया महोत्सव-2025′ मे’ महत्वपूर्ण सहभागिता रही। यहां यह उल्लेख प्रासंगिक है कि डा. शमशेर जमदग्नि, जो एक आदर्श लोक सेवक है’, वर्तमान मे’ ‘अपर आयुक्त’ के रूप मे’ उत्तर प्रदेश सरकार मे’ सेवारत है’ एवं संगम नगरी प्रयागराज, उत्तर प्रदेश मे’ तैनात है’। फलतः, अपने साहित्यिक अनुराग के फलीभूत डा. जमदग्नि द्वारा प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से मुम्बई, महाराष्ट्र पधारकर इस राष्ट्रीय महोत्सव को सम्बोधित किया गया तथा अपनी काव्यांजलि के माध्यम से भारतीय समाज मे’ राष्ट्रीय जागरण की दृष्टि से हिन्दी साहित्य एवं पत्रकारिता की महता को रेखांकित किया गया।
उल्लेखनीय है कि डा. शमशेर जमदग्नि की भारतीय समाज मे’ निरन्तर सांस्कृतिक एवं साहित्यिक सक्रियता रहती है। इसी अनुक्रम मे’ विगत दिनांक 7-8-9 नवम्बर 2025 को रीवा, मध्य प्रदेश मे’ आयोजित अखिल भारतीय साहित्य परिषद के 17वे’ राष्ट्रीय अधिवेशन, जिसमे’ श्री रामनाथ कोविन्द, भूतपूर्व महामहिम राष्ट्रपति, भारत की ‘मुख्य अतिथि’ के रूप मे’ गरिमामयो उपस्थिति रही थी, मे’ भी डा. जमदग्नि की सक्रिय सहभागिता रही थी। हरियाणा सरकार द्वारा भी डा. शमशेर जमदग्नि की 2 महत्वपूर्ण पुस्तको’ ‘मै’ भारतवर्ष हू” एवं ‘काव्यांजलि की कलियां’ को राजकीय महाविद्यालयो’ एवं राजकीय पुस्तकालयो’ हेतु अनुमोदित किया जा चुका है। फलतः, एक आदर्श लोक सेवक डा. जमदग्नि की ऐसी विशिष्ट साहित्यिक सेवा वस्तुतः अनुकरणीय है।
भारत – साहित्य एवं मीडिया महोत्सव- 2025, मुम्बई को सम्बोधित करते हुए भारतवादी साहित्यकार डाॅ. शमशेर जमदग्नि।




