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श्रीमदभगवदगीता भारत की प्राचीन सभ्यता और चेतना का आधार है : डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र

अंतराष्ट्रीय श्रीमद्भगवदगीता जयंती समारोह – 2025 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र द्वारा अठारह दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन आगामी 14 नवम्बर 2025 से 01 दिसम्बर 2025 तक होगा।

कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 29 अगस्त : अंतराष्ट्रीय श्रीमद्भगवदगीता जयंती समारोह – 2025 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र द्वारा अठारह दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन आगामी 14 नवम्बर 2025 से 01 दिसम्बर 2025 तक होगा। इस अठारह दिवसीय कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ 14 नवम्बर 2025 को श्रीमद्भगवदगीता जन्मस्थली ज्योतिसर से अठारह दिवसीय लोकमंगल महायज्ञ से सनातन वैदिक परम्परा से होगा। यह जानकारी देते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा अंतराष्ट्रीय श्रीमद्भगवदगीता जयंती समारोह – 2025 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा विभिन्न विधाओं में श्रीमद्भगवदगीता के मूल्यों एवं शिक्षाओ को समर्पित अनेक कार्यक्रम समपन्न होगें। 15 नवम्बर से 18 नवम्बर 2025 तक हरियाणा प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में युवा गीता संवाद कार्यक्रम का आयोजन होगा। 19 नवम्बर से 22 नवम्बर तक विभिन्न स्कूलों में बाल गीता संवाद का कार्यक्रम होगा। 23 नवम्बर को वर्तमान वैश्विक अशांति के समाधान में श्रीमद्भगवदगीता की प्रासंगिकता विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर में होगा। 23 एवं 24 नवम्बर को गीता के विभिन्न दृष्टिकोणों पर संभाषण, गीता श्लोकोच्चारण, रंगोली, चित्रकला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के निमित्त अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 25 नवम्बर को सामूहिक गीता पाठ का आयोजन होगा। 26 से 30 नवम्बर 2025 तक विभिन्न समाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओ में गीता संवाद, गीता परिचर्चा, गीता विचार गोष्ठी एवं गीता चिंतन कार्यक्रम का आयोजन होगा। 01 दिसम्बर 2025 को गीता जयंती के दिन समस्त अठारह दिवसीय कार्यक्रमों एवं अठारह दिवसीय लोक मंगल महायज्ञ की पूर्णाहुति गीता जन्मस्थली ज्योतिसर मे होगी।
डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा इन समस्त कार्यक्रम में फिजी, मारिशस, गुयाना सहित अनेक देशो के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोधार्थी, शिक्षक एवं अनेक सामाजिक,धार्मिक संस्थाओ के प्रतिनिधि, राजनयिक, गीता प्रेमी, गीता ज्ञानी एवं गणमान्य जन भागीदारी करेंगे।
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा मातृभूमि सेवा मिशन अपने स्थापना काल से श्रीमद्भगवदगीता के प्रचार प्रसार के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासरत है। मातृभूमि सेवा मिशन के समस्त सेवा कार्य गीता की शिक्षाओ को समर्पित है। भारत एक आत्मनिर्भर, विकसित एवं स्वावलम्बी राष्ट्र बने, इसके लिए देश को गीता की शिक्षाओं का अनुसरण करना होगा। आज जिस प्रकार से अमेरिका सहित कुछ देश भारत को आर्थिक दृष्टि से कमजोर करना चाहते हैँ एवं भारत के विकास में बाधक हो रहे है, ऐसे में श्रीमदभगवदगीता के दिव्य संदेश एवं ज्ञान को आत्मसात कर भारत इन समस्त संकटो का समाधान कर सकता है। श्रीमदभगवदगीता भारत की प्राचीन सभ्यता और चेतना का आधार रही है, जिसे हाल ही में यूनेस्को के ‘विश्व स्मृति रजिस्टर’ में शामिल किया गया है। भारत की पहचान और संस्कृति को समझने के लिए गीता का अध्ययन महत्वपूर्ण माना जाता है, और यह देश की सांस्कृतिक परंपरा का सर्वोत्तम प्रतिनिधित्व करती है।

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