भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली के आयुर्वेद बोर्ड द्वारा बताये गये ट्रान्सिशनल करीकुलम यानि आयुर्विद्या आरम्भ संस्कार कार्यक्रम का एस0आर0एम0 राजकीय आयुर्वेदिक कालेज एवं चिकित्सालय में हुआ शुभारंभ

भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली के आयुर्वेद बोर्ड द्वारा बताये गये ट्रान्सिशनल करीकुलम यानि आयुर्विद्या आरम्भ संस्कार कार्यक्रम का एस0आर0एम0 राजकीय आयुर्वेदिक कालेज एवं चिकित्सालय में हुआ शुभारंभ

दीपक शर्मा ( संवाददाता)

बरेली : मुख्य अतिथि महोदय माननीय विधायक बिथरी चैनपुर बरेली डा0 राधवेन्द्र शर्मा जी , कार्यक्रम के आयोजक एवं संस्था के प्राचार्य एवं अधाीक्षक प्रो0 डी0 के0 मौर्य एवं प्रो0 प्रीति शर्मा ने सर्वप्रथम धन्वंतरि भगवान को माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, छात्रों द्वारा धन्वंतरि वंदन किया गया। स्वागत भाषण प्रो0 देवकी नन्दन शर्मा द्वारा किया गया।
डॉ राघवेंद्र शर्मा जी ने छात्रों से कहा की हम मेहनत करके यहाँ आये हैँ, हम लोगों को खुले दिल से आयुर्वेद विद्या को अपनाना होगा, इसमे पूर्ण लगन से पाठ्यक्रम को पूर्ण करना है, आयुर्वेद मे अधिक शोध कार्य करने होंगे आयुर्वेद मे और औषधियों को खोजना होगा क्योंकि मॉडर्न मेडिसिन जितनी जल्दी फायदा करती हैँ उतनी ही तेजी से नुकसान भी करती है!
प्रो0 डी0 के0 मौर्य ने छात्रों को बताया की 15 दिन के कार्यक्रम मे हमारी संस्था के शिक्षक चिकित्सकों के साथ ही दूरदराज के शहरों के प्रसिद्ध चिकित्सक शिक्षक ज्ञानवर्धन एवं मोटिवेट के लिए आएंगे! नवप्रवेशित छात्रों के लिये डिजाईन किया गया यह ट्रान्सीशनल करीकुलम बहुत उपयोगी एवं लाभदायक सिद्ध होगा।
टान्सिशनल करीकुलम कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में डा0 संतोष कुमार ने प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि यह कार्यक्रम कुल 15 दिन का हैं जिसमें प्रतिदिन 06 घंटे के लिये सभी छात्रों का रिआरियन्टेशन किया जायेगा। यानि कि कुल 90 घंटे का यह सिलेबस है। इसमें 15 दिनों तक अलग अलग टापिक से विशेषज्ञों द्वारा छात्रों को मोटिवेट एवं जागरूक किया जायेगा। आयुर्वेद के ज्यादातर विषय हिन्दी या संस्कृत में हैं, जब पहली कक्षा में हमारा सामना ऐसे विषयों से होता है जिसमें बहुत सारी शब्द ऐसे होते हैं जैसे दोष क्या है धातु क्या है। बहुत सारी चीजे नयी मिलेगी, जो समझ नहीं आती। तो उनको पढने और समझने में समस्या आती है। छात्रों के हित के लिये, उनकी सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली ने एक नया करीकुलम डिजाईन किया जिसे ट्रान्सिशनल करीकुलम नाम दिया गया।
प्रो0 प्रीति शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद क्या है, आयुर्वेद के चिकित्सा सिद्धांत क्या हैं। बेसिक लाईफ सर्पोट के बारे में, योग का महत्व, संस्कृत को कैसे पढना है, बेसिक कम्पयूटर का ज्ञान, जो आगे जाकर टेलीमेडिसन या आनलाईन कन्सलटेशन के लिये काम आयेगी। यानि सभी विषय का एक आईडिया करकुलम में दिया जायेगा।
कार्यक्रम का सचालन प्रो0 योगेश कुमार द्वारा किया गया, धन्यवाद ज्ञापन डा0 सी0बी0सिंह द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में डा0 अतुल कुमार, डा0 दीप शिखा जोशी, प्रो0 सुमन यादव, डा0 साधना शाक्य, डा0 अरूणेन्द्र कुमार सिंह एवं अन्य शिक्षक तथा छात्र छात्रा उपस्थित रहे।

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