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उत्तराखंड: अवैध कब्जों को लेकर प्रदेश सरकार का रुख सख़्त

उत्तराखंड: अवैध कब्जों को लेकर प्रदेश सरकार का रुख सख़्त,
सागर मलिक

सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने का बड़ा अभियान शुरू

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित कर सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तैयार की गई रणनीतियों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए एक प्रभावी और सशक्त तंत्र (मैकेनिज्म) विकसित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा और उसकी गैरकानूनी खरीद-फरोख्त रोकने के लिए एक सटीक और व्यापक कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय में पूर्व में दिए गए सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जनपद स्तर पर सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग(PWD) वन विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर अभियान चलाया जाए ताकि अतिक्रमण के खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सके। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बढ़ते अतिक्रमण पर विशेष निगरानी के लिए शासन स्तर पर एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति के निर्देश भी दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से हरिद्वार में गंगा नदी, रुद्रपुर में कल्याणी नदी, और नैनीताल जिले में कोसी नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में अतिक्रमण रोकने को लेकर सख्त और ठोस कदम उठाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो लोग कूट रचना कर सरकारी जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा कर रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। इस दिशा में रोकथाम के लिए भी प्रभावी उपाय किए जाएं।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) ए.पी. अंशुमान को बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया को और अधिक कठोर बनाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया राज्य की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए अत्यंत आवश्यक है। एडीजीपी ने जानकारी दी कि वर्तमान में 18 बिंदुओं पर सत्यापन से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र की जा रही है, जिसे राज्य स्तर पर समेकित किया जा रहा है।

इस अहम बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एस.एन. पांडेय, एडीजीपी ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी भी उपस्थित रहे।

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