छात्र-छात्राओं को वित्तीय साक्षरता और फ्रॉड जागरूकता पर मिली जानकारी

अर्थसूत्र संवाद’ गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में बजाज फाइनेंस की वित्तीय साक्षरता पहल। ‘
ऑनलाइन धोखाधड़ी और धन प्रबंधन की अच्छी आदतों के बारे में जागरूकता किया।
हिसार, प्रमोद कौशिक 30 अगस्त : भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बजाज फाइनेंस लिमिटेड, ने आज हिसार के गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के मास कम्यूनिकेशन विभाग में ‘अर्थसूत्र संवाद’ नामक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह पैन-इंडिया कार्यक्रम भारत के ग्रामीण और कम बैंकिंग सुविधा वाले क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने का उद्देश्य रखता है।
‘अर्थसूत्र संवाद’ भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय साक्षरता और जागरूकता बढ़ाने की पहल के तहत संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य वित्तीय अनुशासन, ऑनलाइन धोखाधड़ी और धन प्रबंधन की अच्छी आदतों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
इस कार्यक्रम में साइबर पुलिस अधिकारी,नरेश कुमार, श्यामलाल सरवटे, समाजसेवी, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विक्रम कौशिक, प्रोफेसर डॉ. मिहिर रंजन पात्रा, प्रोफेसर डॉ. सुनैना, डॉ. कुसुम लता एवं बड़ी संख्या में विभाग के छात्र छात्राओं ने इस जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया।
बजाज फाइनेंस का ‘अर्थसूत्र संवाद’ एक व्यापक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय जागरूकता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इसका मूल उद्देश्य व्यक्तिगत वित्त को सरल बनाना है ताकि लोग आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ सूझबूझ भरे निर्णय ले सकें।
छात्रों को संबोधित करते हुए नरेश कुमार ने कहा कि शिक्षित लोग भी ठगी के शिकार हो रहे हैं। उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि कम्बोडिया और साउथ ईस्ट एशियाई देशों में इंडियन स्टूडेंट्स ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं।
वित्तीय धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता पर जोर देते हुए कहा कि सभी को हेल्पलाइन नंबर 1930 याद रखना चाहिए और किसी भी साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज करानी चाहिए। यदि शिकायत एक घंटे के भीतर की जाती है, तो आरोपी के खाते को तुरंत ब्लॉक किया जा सकता है, जिससे धन की वापसी की संभावना बढ़ जाती है।साथ ही उन्होंने छात्रों को डिजिटल अरेस्ट स्कैम, व्हाट्सएप पर फर्जी निवेश समूह पर भी जानकारी दी।
हर व्यक्ति को बैंकिंग की मूलभूत जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आज की युवा पीढ़ी तकनीकी रूप से काफी सक्षम है और हाई-टेक ऐप्स का उपयोग करती है, लेकिन उन्हें वित्तीय साक्षरता भी उतनी ही जरूरी है। उन्होंने युवाओं को स्वयं बैंक खाता खोलने और उसका प्रबंधन करने की सलाह दी, बिना किसी पर भरोसा किए। वित्तीय जागरूकता, उन्होंने जोर देकर कहा, अनिवार्य है।
इस अवसर पर वित्तीय मामलों के जानकार एवं समाजसेवी श्यामलाल सरवटे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी का बैंक खाता होना बहुत जरूरी है और उससे भी ज्यादा जरूरी उस खाते को ऐक्टिव रखना और लगातार ट्रांजेक्शन करना है, अन्यथा आपकी सिबिल शून्य हो जाएगी। युवावस्था से ही सेविंग की आदत डालना बहुत जरूरी है। बजाज जैसी संस्थाओं में फिक्स डिपॉजिट में बड़ा अच्छा ब्याज मिलता है।