इंडस्ट्री के काम आएंगे एसवीएसयू के रिसर्च- प्रोफेसर ज्योति राणा

इंडस्ट्री के काम आएंगे एसवीएसयू के रिसर्च- प्रोफेसर ज्योति राणा
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में शुरू हुई 10 दिवसीय शोध कार्यशाला।
इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च द्वारा प्रायोजित कार्यशाला में भाग ले रहे हैं शोध विशेषज्ञ और शोधार्थी।
पलवल, प्रमोद कौशिक 16 जुलाई : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में शोध और शोध विधि पर महा मंथन शुरू हुआ है। दस दिन तक विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ शोध पर विमर्श करेंगे। स्किल फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्ट्डीज एंड रिसर्च और शिक्षा शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शुरू हुई यह कार्यशाला इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च द्वारा प्रायोजित की गई है।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अपने शोधार्थियों के माध्यम से इंडस्ट्री की चुनौतियों पर शोध करवाने की पहल की है। इंडस्ट्री और अकादमिक क्षेत्र के बीच एक खाई लंबे समय से रही है, लेकिन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने इस खाई को पाटने की पहल की है। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि जब यह शोध पूरे होंगे तो इंडस्ट्री के लिए इनकी उपयोगिता सिद्ध होगी। उन्होंने शोधार्थियों से पूरी ईमानदारी से शोध करने का आह्वान किया।
अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश कुमार ने कहा कि शोध में केस स्टडी का और मौलिक साहित्य का महत्वपूर्ण योगदान होता है। पूर्व के शोध का गंभीर अध्ययन जरूरी है।
शिक्षा शास्त्र विभाग के अधिष्ठाता प्रोफेसर ऋषिपाल, स्किल फैकल्टी ऑफ अप्लाइड साइंस एंड ह्यूमैनिटीज के डीन प्रोफेसर आर एस राठौड़, स्किल फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव और डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने शोध के महत्व एवं प्रक्रिया पर अपने वक्तव्य दिए।
द्वितीय सत्र में वक्त के रूप में पहुंचे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने शोध एवं शिक्षण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। डॉ. शीतल नागर ने मंच संचालन किया और डॉ. दलीप रैना ने आभार ज्ञापित किया।
शोध कार्यशाला को संबोधित करती कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा।
कार्यशाला में उपस्थित शिक्षक एवं शोधार्थी।