बच्चों को संस्कृति एवं संस्कारों के साथ अध्यात्म का महत्व बताएं : महंत राजेंद्र पुरी

ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी।
अभिभावक अपनी संतान को परिवार एवं धर्म संस्कृति से जोड़ें।
कुरुक्षेत्र, 22 फरवरी : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने सत्संग में श्रद्धालुओं से चर्चा करते हुए दुख व्यक्त किया कि आधुनिकता में परिवार बिखर रहे हैं। बिखरते परिवारों में रिश्ते भी टूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि टूटते परिवारों से समाज भी कमजोर होता जा रहा है। सत्संग में श्रद्धालुओं से धर्म, संस्कृति व संस्कारों के ज्ञान के साथ अपने परिवारों एवं बच्चों को जोड़ने की अपील की। परिवार में रह कर ही समझ सकते हैं कि समाज के हर इंसान को आज एक दूसरे की जरूरत है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि बच्चों को अपने रीति रिवाज, पूजा की विधि, कुल देवी देवताओं और पितृ देवताओं के बारे में अवश्य बताएं। बच्चों को संस्कृति एवं संस्कारों के साथ अध्यात्म का महत्व बताएं। बच्चे परिवार का महत्व समझकर अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करेंगे। साथ ही बच्चों को साथ लेकर पूरे विधि विधान से पूजा करें। उन्होंने कहा कि आधुनिकता का नकाब पहन कर हम अपने सनातन धर्म को भूल रहे हैं, लोक दिखावे और ऐशो आराम का जीवन जीने की चाह में भगवान को भी भुला बैठे हैं। महंत ने कहा कि आधुनिक होना बुरा नहीं है परंतु अपने कुल देवी देवता और पितृ देवताओं को याद न करना सबसे बड़ी भूल है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की जिम्मेवारी बनती है कि अपनी संतान को धर्म और पूर्वजों के बारे बताएं। उनकी महत्ता और पूजा करना सिखाएं। वर्तमान पीढ़ी और आने वाली औलाद जब तक खुद की पहचान नहीं कर पाएंगी, तब तक अपने-पराए की, परिवार-रिश्तेदारों की कद्र नहीं कर सकेंगे और न समझ सकेंगे। महंत ने दुःख जाहिर करते हुए कहा कि समाज में छोटी आयु में नौजवान पीढ़ी को दिल के दौरे पड़ने से मौत हो रही है। यह बड़ी भयंकर बीमारी लग रही है। यह सब हमारे खान-पान का नतीजा है। आज के युग में भोजन का महत्व है, जिसकी हमें पहचान ही नहीं रही कि खाना क्या चाहिए। आज छोटा हो या बड़ा, हर इंसान आधुनिकता की देन फास्ट फूड, मैदा से बने भोजन को ज्यादा पसंद करता है। महंत ने अपील की कि हमें अपना खान-पान सुधारना चाहिए।
श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।