हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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दुकानों और घरों में घुसा बरसात का पानी।
जल निकासी सिस्टम फेल
कहा।
कैथल की तर्ज पर कुरुक्षेत्र में भी हुआ करोड़ा का ड्रेन घोटाला।
घोटाले की मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से जांच करवाने की मांग की अरोड़ा ने।
कुरुक्षेत्र, 14 जुलाई :- हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि मानसून की पहली बरसात ने ही कुरुक्षेत्र में विकास के दावों की पोल खोलकर रख दी है। जल निकासी व्यवस्था ठप्प होने से सारा शहर जलमग्र हो गया है। आवासीय इलाकों तथा बाजारों में पानी आने से लोगों का भारी नुकसान हुआ है। उन्होने आरोप लगाया है कि कुरुक्षेत्र में भी कैथल की तरह करोड़ो रूपए का ड्रेन घोटाला हुआ है। अरोड़ा ने मुख्यमंत्री तथा हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज से मांग की कि इस घोटाले की जांच करवाई जाए और दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
थानेसर से चार बार विधायक रह चुके अशोक अरोड़ा ने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है कि कुरुक्षेत्र में ड्रेन सिस्टम पर 40 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं लेकिन बरसात के कारण हालात बद से बदतर हुए हैं। जल निकासी की कोई व्यवस्था नही हुई। नगर की हर सड़क और गलियों में पानी भरा हुआ है। पहले से ही कोरोना की मार झेल रहे दुकानदारों की दुकानों में पानी भर गया जिस कारण दुकानदारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। पिछले लगभग साढे तीन वर्ष से निर्माणाधीन पिपली-थर्ड गेट सड़क की हालत तो बुहत ही खराब है। यहां पर जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने से पानी भर गया है। सड़क किनारे दुकानों व आवासीय कॉलोनियों में पानी भरने से जनता को काफी परेशानी उठानी पड रही है। गामड़ी रोड़ पर सड़ककी खस्ता हालत होने के कारण गिरकर एक महिला की मृत्यु हो गई। पिपली-थर्ड गेट सड़क का निर्माण कार्य लटके रहने के कारणसैंकड़ों लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं और अनेक लोग अकाल मृत्यु का ग्रास बन चुके हैं। उन्होने कहा कि सड़क के किनारे नाला अभी तक पूरा नही हुआ और जो बना है वह भी क्वालिटी पर खरा नही है। न ही नगर परिषद ने नालों की सफाई करवाई है सिवरेज सिस्टम ठप्प होकर रह गया है। कई इलाकों में तो सिवरेज का पानी बैक मारने से दुकानों और घरों में यह गंदा पानी घुस गया है।
अरोड़ा ने कहा कि उन्होने दो माह पहले ही प्रशासन को सचेत किया था कि मानसून आने से पहले नालों की सफाई करवाई जाए लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया जिस कारण से पूरा शहर जलमग्र हो गया है। कुरुक्षेत्र के सौंदर्यकरण के नाम पर धर्मनगरी की हालत बद से बदतर बना दी गई है। सत्तारूढ पक्ष के विकास के दावों की पोल खुल गई है।