पवित्र ग्रंथ गीता जीवन के मूल सिद्धांतों, नैतिक मूल्यों और आदर्शों से कराती है परिचित : ज्ञानानंद महाराज

भागवत गीता अनुष्ठान के तीसरे दिन का गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया शुभारम्भ।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 28 नवंबर : गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता हमें जीवन के मूल सिद्धांतों, नैतिक मूल्यों और आदर्शों से परिचित कराती है। इस ग्रंथ के उपदेश हमें धर्म, कर्तव्य और निष्काम कर्म के महत्व को समझते हुए एक सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। यह केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह मानवता को जीने का सही दर्शन सिखाती है। पवित्र ग्रंथ गीता विश्व को शांति और सद्भावना का सार्वभौमिक संदेश देती है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज शुक्रवार को ब्रह्म सरोवर के पुरुषोत्तम बाग में आयोजित पांच दिवसीय भागवत कथा पाठ के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने दीप प्रज्वलित कर व गीता पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में शास्त्री संजीव कृष्ण ठाकुर द्वारा भागवत पाठ व भजनों द्वारा गीता के उपदेशों का गायन किया गया। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता में समाहित ज्ञान में ही विश्व शांति और सद्भावना का मार्ग निहित है। यह हमें द्वेष, भय और मोह से मुक्त होकर समभाव से जीवन जीने की शिक्षा देती है, जो वैश्विक एकता के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हमें गीता के उपदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करना ही गीता के सार का सच्चा अनुसरण है।




