प्रशिक्षुओं को सिखाई गए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) करने की बारिकियां।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष युनिवर्सिटी के रोग निदान एवं विकृति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता गुवाहाटी के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के रोग निदान विभाग के एचओडी प्रो. डॉ. अनूप बैश्य रहे। इससे पहले चौथे दिन की कार्यशाला की शुरुआत भगवान धन्वंतरि की अर्चना के साथ हुई। डॉ. दिप्ति पराशर ने अतिथियों का स्वागत श्रीफल और पुष्पगुच्छ भेंट कर किया।
डॉ. अनूप बैश्य ने कार्यशाला में प्रशिक्षुओं को इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) की बेसिक जानकारी दी। इसके साथ ही प्रेक्टिकल भी करवाया। उन्होंने कहा कि ईसीजी पीड़ा रहित, सुरक्षित और तेज प्रक्रिया वाला टेस्ट है। जिसके माध्यम से हृदय रोगियों की जांच की जाती है। ईसीजी के द्वारा हृदय की इलेक्ट्रिकल गति मापी जाती है। जो इलेक्ट्रिकल सिग्नल को रिकॉर्ड करके सूचना को एक ग्राफ के माध्यम से प्रकट करती है। सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, थकान व कमजोरी, धड़कन तेज और हार्ट अटैक जैसे लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर रोगी को ईसीजी कराने की सलाह देता है। उन्होंने कहा कि ईसीजी तीन तरह की होती है होल्टर मॉनिटर, इवेंट रिकॉर्डर और स्ट्रेस टेस्ट। व्यक्ति के हृदय की धड़कन इलेक्ट्रिकल सिग्नल के तहत ही चलती है जो हृदय के ऊपर से शुरू होकर नीचे तक जाती है। मगर ह्रदय में किसी तरह की समस्या पैदा होने पर हृदय की इलेक्ट्रिक गतिविधि प्रभावित हो जाती है। ईसीजी के द्वारा डॉक्टर रोगों के कारणों का पता लगाकर उसी आधार पर मरीज का ट्रीटमेंट किया जाता है। श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल के रोग निदान एवं विकृति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. दिप्ति पाराशर ने दोपहर बाद के दूसरे सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि रिसर्च में रोग निदान की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके साथ ही रोग निदान के लिए टेक्नोलॉजी को एडोप्ट करते हुए मॉडर्न इंस्ट्रूमेंट बनाए जाने चाहिए। ताकि रोगी की बीमारी को जड़ से पकड़ कर उसका सही तरीके से इलाज किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने रोग निदान में मेडिकल एस्ट्रोलोजी के मह्तव के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, डॉ. आशीष मेहता, डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. रणधीर सिंह और डॉ. सुनिल गोदारा भी मौजूद रहे।