सनातन धर्म के सिद्धांत सामाजिक सद्भाव, करुणा और अहिंसा की प्रतिष्ठा करते हैं : डा. श्रीप्रकाश मिश्र

मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सनातन जीवन मूल्य विषय पर मातृभूमि सेवा मिशन के तत्वावधान में संस्कृति संवाद कार्यक्रम संपन्न।
कुरुक्षेत्र , प्रमोद कौशिक 15 जुलाई : वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सनातन जीवन मूल्यों का महत्व बहुत अधिक है। ये मूल्य न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में व्यक्तियों और समाजों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। सनातन धर्म, जिसे सनातन के रूप में भी जाना जाता है, का अर्थ है शाश्वत या ‘हमेशा रहने वाला’, और यह जीवन के शाश्वत सत्यों और मूल्यों पर आधारित है। यह विचार मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सनातन जीवन मूल्य विषय पर आयोजित संस्कृति संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किए।संस्कृति संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र, कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि दुबई निवासी पुण्य जैन एवं उनकी धर्मपत्नी निधि जैन गुप्ता ने संयुक्त रूप से भारतमाता एवं योगेश्वर श्रीकृष्ण के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
संस्कृति संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा सनातन जीवन मूल्य सार्वभौमिक हैं और दुनिया भर के लोगों के लिए प्रासंगिक हैं। ये मूल्य हमें एक बेहतर जीवन जीने, दूसरों के साथ सद्भाव में रहने और अपने भीतर शांति और खुशी पाने में मदद करते हैं। सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है यह कि दुनिया एक परिवार है। सभी मनुष्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और हमें एक दूसरे के साथ प्रेम, सम्मान और सहयोग से रहना चाहिए। सनातन मूल्य वे सार्वभौमिक सिद्धांत हैं जो समय, स्थान और परिस्थितियों से परे रहते हुए मानव जीवन को आध्यात्मिक, मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण से प्रगति की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। सनातन धर्म के सिद्धांत सामाजिक सद्भाव, करुणा और अहिंसा की प्रतिष्ठा करते हैं, जो असमानता, संघर्ष और पर्यावरणीय संकट जैसे वर्तमान वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए आवश्यक हैं।
कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि पुण्य जैन ने कहा जब यह अभिव्यक्त किया जाता है की भारतवर्ष उदित होगा, तो वह सनातन धर्म ही है जो उदित होगा। जब यह अभिव्यक्त किया जाता है की भारतवर्ष भविष्य में महान होगा, तो वह सनातन धर्म है जो की महान होगा.. भारतवर्ष का अस्तित्व धर्म के लिए और धर्म के द्वारा ही है।
कार्यक्रम की अतिविशिष्ट अतिथि निधि जैन गुप्ता ने कहा सनातन धर्म की संस्कृति और जीवनशैली का हमारे दैनिक जीवन में विशेष महत्व है। यह केवल एक धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि एक जीवन जीने की कला भी है। निधि जैन गुप्ता ने मातृभूमि सेवा मिशन के समस्त सेवा कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अतिविशिष्ट अतिथि द्वारा मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों को उपहार भेंट किए गए। कार्यक्रम मे वरिष्ठ नागरिक श्रीमती बेला गुप्ता, सुश्री तृषा, सुरेंद्र सिंह, बाबूराम साहित शिक्षक, विद्यार्थी एवं अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन वन्देमातरम से हुआ।