नगरीय क्षेत्रों में व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं संस्थानों के खुलने के लिए समय-सीमा तय, दुकानें सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खोली जा सकेंगी, रेस्टोरेंट, होटल और ढाबा में 10 बजे तक खुल सकेंगे , टेक-अवे एवं होम डिलीवरी की सुविधा रात के 11.30 तक दी जा सकेगी, पेट्रोल पम्प एवं मेडिकल स्टोर्स रहेंगे नियंत्रण से मुक्त

जांजगीर-चांपा 31 मार्च 2021/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री यशवंत कुमार द्वारा कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जिले के सभी नगरीय निकाय  सीमा क्षेत्र के भीतर स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों को  खुला रखने के समय का निर्धारण करते हुए आदेश जारी किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।आदेश के अनुसार सभी प्रकार की स्थायी एवं अस्थायी दुकानें सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक, इंडोर डायनिंग वाले रेस्टोरेंट, होटल और ढाबा सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक संचालित किए जा सकेंगे। टेक-अवे एवं होम डिलीवरी वाले रेस्टोरेंट, होटल और ढाबा रात के 11.30 तक डिलीवरी की सुविधाएं दे सकेंगे। इस आदेश के तहत पेट्रोल पम्प एवं मेडिकल स्टोर्स इस नियंत्रण से मुक्त रहेंगे। सभी दुकानों के सामने दुकानदारों को स्वयं फ्लैक्स छपवाकर दुकानों के खुलने एवं बंद करने की समय – सीमा को प्रदर्शित करनी होगी।  सभी व्यापारियों, कर्मचारियों और ग्राहकों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। समस्त व्यापारिक गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। सभी व्यवसायियों को अपनी दुकान और संस्थान में विक्रय हेतु मास्क रखना अनिवार्य होगा, ताकि बिना मास्क पहने खरीददारी करने के लिए आये ग्राहकों को पहले मास्क का विक्रय या वितरण करने के बाद अन्य वस्तुओं या सेवाओं का विक्रय किया जा सके।प्रत्येक दुकान और संस्थान में स्वयं तथा आगंतुकों के उपयोग हेतु सेनेटाइजर रखना अनिवार्य होगा। किसी बाजार या अन्य किसी क्षेत्र में कन्टेनमेंट जोन घोषित हो जाता है, तो उस क्षेत्र के समस्त व्यवसाय बंद हो जायेंगे एवं उस क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन के समस्त नियमों का पालन करना होगा।यदि किसी व्यवसायी के द्वारा उपरोक्त शर्तों में से किसी एक या एक से अधिक शर्तों का उल्लंघन किया जाता है, तो उसकी दुकान या संस्थान को तत्काल प्रभाव से 15 दिनों के लिए सील कर दी जायेगी।उक्त आदेशों का उल्लघंन करने वाले व्यक्ति या प्रतिष्ठान को भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 108 सहपठित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं महामारी नियंत्रण अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत दण्डित किया जा सकेगा।

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