हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र :- शरीर में विभिन्न कोशिकाएं और अंग-प्रत्यंग मिलकर काम करती हैं। अगर किसी एक में भी दोष उत्पन्न हो जाए तो शरीर कार्य करना बंद कर देता है। स्वस्थ शरीर सम्पूर्ण रूप से कार्य करता है। इसी प्रकार यह विश्वविद्यालय परिवार है। शैक्षिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों के मिलकर काम करने से विश्वविद्यालय निरंतर विकास के पथ पर बढ़ेगा। इसलिए आवश्यकता है सांगठनिक रूप से कार्य करने की। कुलपति डॉ. बलदेव कुमार 73वें गणतंत्र दिवस की शुभ वेला पर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।
इससे पहले कुलपति ने राष्ट्रीय सम्मान के प्रतीक तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान के बाद समाली दी। इसके बाद कुलपति ने विश्वविद्यालय परिवार को संबोधित करते हुए गणतंत्र दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम सभी राष्ट्र को सशक्त और समर्थ बनाने में योगदान दे। ताकि हमारा राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त करे। पूरा देश आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा है। देशवासियों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जा रहा है। जो हमारी अनेकता में एकता के प्रतीक हैं। अभी स्वतंत्रता के लिए प्राण न्योछावर करने वाले हमारे वीरों का काम पूरा नहीं हुआ। भारत देश को विश्व का सिरमौर बनाना सभी देशवासियों का धर्म व कर्म है। भारत विश्व गुरु बने, विश्व में भारत का फिर से डंका बाजे, यह पुनीत कार्य सभी देशवासियों के सहयोग से ही संभव होगा।
मंच का संचालन स्नातकोत्तर छात्र डॉ. निलम और डॉ. यामिनी ने किया। गणतंत्र दिवस के इस शुभ अवसर पर श्री कृष्णा राजकीय महाविद्यालय एवं अस्पताल में चिकित्सा अनुसंधान के लिए देहदान करने वाले चार दधीचियों को शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी में निरंतर अपनी सेवाएं देने वाले फ्रंट लाइन वर्कर डॉक्टर डॉ. अमित कटारिया, डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. गुरुचरण व डॉ. कृष्ण कुमार सिसोदिया को सम्मानित किया गया। साथ ही स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को कोरोना योद्धा पुरस्कार व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों कर्नल सत्यनारायण शर्मा, शशीकांत पाठक व अन्य को भी उनकी विश्वविद्यालय के लिए दी जा रही उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का रिकार्ड बनाने में लगा है इसी कड़ी में श्रीकृष्णा राजकीय महाविद्यालय के विद्यार्थियों अनुज, नरेंद्र, शुभम, सोनम और पंकित द्वारा सूर्य नमस्कार किए गए। विश्वविद्यालय के गैर-शैक्षणिक कर्मचारी अमरजीत ने निर्मल पावन भावना देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अन्त में कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार भार्गव ने कुलपति महोदय का आभार प्रकट किया। उन्होंने समस्त विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं देते हुए धन्यवाद प्रकट किया और कहा कि बचपन से दिल्ली राजपथ पर सैनिकों द्वारा परेड होते देख रहा हूं। जो हमारी सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। गांव हो या शहर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाए जाते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के चलते कार्यक्रम का स्वरूप छोटा रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस दिन अपने देश का संविधान लागू हुआ। अपने देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसमें अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का बोध भी शामिल है। हमारा सब का कर्तव्य है कि हम सब देशवासी मिलकर रहे। अगर हम मिलकर काम करेंगे विश्वविद्यालय निरंतर तरक्की करेगा। इस अवसर पर विश्वविद्याल का शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ मौजूद रहा।