बिहार:कुष्ठ रोग का पूर्ण इलाज है सम्भव, जरूर कराएं इलाज : सिविल सर्जन

कुष्ठ रोग का पूर्ण इलाज है सम्भव, जरूर कराएं इलाज : सिविल सर्जन

  • छुआछूत से नहीं फैलता है कुष्ठ रोग : विधायक विजय खेमका
  • गांधी जयंती पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मनाया गया राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम
  • कुष्ठ रोगियों को बांटी गई एमपीआर किट

पूर्णिया संवाददाता

महात्मा गांधी के जन्मदिन के अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा शहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पूर्णिया कोर्ट में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. एस के वर्मा तथा सदर विधायक विजय खेमका द्वारा कुष्ठ रोगियों को सेल्फ केयर के लिए एमपीआर किट व आवश्यक अन्य संसाधन का वितरण किया गया। उस दौरान जिला कुष्ठ निवारण विभाग के अचिकित्सा सहायक सुमन कुमार सिन्हा, प्रभारी चिकित्सक व अन्य लोग उपस्थित रहे।

कुष्ठ रोग का पूर्ण इलाज है सम्भव, जरूर कराएं इलाज :
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा ने कहा कि कुष्ठ का रोग एक कीटाणु से होता है जिसका नाम माइक्रो बैक्टीरियम लेप्री है। इस बैक्टेरिया द्वारा रोगी की त्वचा पर स्पर्श करते हुए उन्हें संक्रमण का शिकार बना लिया जाता है। कुष्ठ की पहचान बिल्कुल आसानी से हो सकती है। चमड़े पर किसी तरह का दाग या धब्बा जिसमें दर्द या खुजली नहीं होती हो और यह निशान जन्म से ही नहीं हो तो यह कुष्ठ रोग का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। कुष्ठ बीमारी का पूर्ण इलाज सम्भव है। समय से इलाज कराने से यह रोग पूरी तरह ठीक हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके इलाज के लिए एम.डी.टी. (मल्टी ड्रग थेरेपी) का उपयोग किया जाता है। एम.डी.टी. का पूरा खुराक नियमानुसार सेवन करने के बाद कोई भी कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति सामान्य इंसान जैसा हो सकता है। उपचार नहीं कराने से संक्रमित व्यक्ति अनेक लोगों में इसका संक्रमण फैला सकता है लेकिन कुष्ठ विकृतियुक्त व्यक्ति अगर इस बीमारी का इलाज करा चुके हैं तो उनसे यह संक्रमण नहीं फैलता है। इसलिए कुष्ठ के लक्षण दिखाई देने पर लोगों को तुरंत इसकी जांच करानी चाहिए।

छुआछूत से नहीं फैलता है कुष्ठ रोग :
सदर विधायक विजय खेमका ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिवस को राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि महात्मा गांधी कुष्ठ रोगियों के प्रति पूरी तरह स्नेह एवं सेवा की भावना रखते थे। बापू ने कुष्ठ रोगियों की सेवा कर यह साबित किया कि कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सेवा करने व उनकी देखभाल करने से किसी सामान्य व्यक्ति को कुष्ठ रोग नहीं फैलता है। इसलिए सभी लोगों को कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों से सहानुभूति रखनी चाहिए और जितना अधिक संभव हो उनका उपचार कराना चाहिए।

कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से नहीं करें भेदभाव :
जिला कुष्ठ निवारण विभाग के अचिकित्सा सहायक पदाधिकारी डा सुमन कुमार सिन्हा ने कहा कि कुष्ठ रोग से ग्रसित व्यक्ति से किसी को भी कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। कुष्ठ रोग के सन्देहास्पद व्यक्ति को उनके नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि उनका पूर्ण इलाज हो सके। लोगों को समाज में कोई भी ऐसा व्यक्ति जो कुष्ठ रोग से प्रभावित था और उनका इलाज एम.डी.टी के माध्यम से हो चुका है तो उनके साथ घूमने, बैठने, खाने इत्यादि पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। लोगों को विकलांगतायुक्त कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से भेदभाव नहीं करते हुए उन्हें निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति को सरकार द्वारा विकलांगता प्रमाण पत्र तथा पेंशन राशि का वितरण किया जाता है। कुष्ठ रोग के प्रारंभिक अवस्था में ही जांच पूरी करने पर लाभार्थियों को 650 रुपए व विकृत अवस्था में जांच पूरी करने पर लाभार्थियों को 850 रुपए सरकार द्वारा दिए जाते हैं।

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