यह समय अपनी संस्कृति, पहाड़ी उत्पादों को स्वदेशी पहचान दिलाने का, नरेश बंसल

उत्तराखंड देहरादून
यह समय अपनी संस्कृति, पहाड़ी उत्पादों को स्वदेशी पहचान दिलाने का, नरेश बंसल
सागर मलिक
स्वदेशी महोत्सव के छठे दिन राष्ट्रवादी कवि सम्मेलन, साहित्य और संस्कृति का भव्य संगम
परेड ग्राउंड में गूंजा राष्ट्रप्रेम, कवियों की ओजस्वी रचनाओं से सजी स्वदेशी महोत्सव की छठी संध्या
रजत जयंती वर्ष में स्वदेशी और लोक संस्कृति का उत्सव, स्वदेशी महोत्सव के छठे दिन कवि सम्मेलन आयोजित
देहरादून। परेड ग्राउंड में आयोजित सात दिवसीय स्वदेशी महोत्सव एवं उत्तराखण्ड विकास प्रदर्शनी के छठे दिन साहित्य, संस्कृति और उद्यमिता का संगम देखने को मिला। इसी क्रम में राष्ट्रवादी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश-प्रदेश के प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाओं से राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक चेतना का भाव जागृत किया।
कवि सम्मेलन में श्रीकान्त श्री, जसबीर हलधर, दिव्यांशु दुष्यंत, मणि अग्रवाल ‘मणिका’, अवनीश मालासी और दर्द गढ़वाली जैसे कवि उपस्थित रहे। कवियों ने अपनी ओजपूर्ण और भावनात्मक रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद नरेश बंसल ने कहा कि उत्तराखण्ड रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है और यह समय अपनी सांस्कृतिक विरासत, स्वदेशी सोच और पहाड़ी उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों और लोक संस्कृति को बढ़ावा देकर ही आत्मनिर्भर और सशक्त उत्तराखण्ड का निर्माण संभव है।
विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री विनय रुहेला ने कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं और कलाकारों को आगे बढ़ने का अवसर देते हैं और स्थानीय उद्यमियों को नई दिशा प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग की टीम, शगुन मांगल ग्रुप तथा नन्हे कलाकारों ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के दौरान सुरेन्द्र सिंह स्मृति विकास संस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य लघु एवं कुटीर उद्यमियों को प्रोत्साहन देना, स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना और लोकल कलाकारों को मंच प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी महोत्सव जैसे कार्यक्रम न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं, बल्कि उत्तराखण्ड की संस्कृति और प्रतिभाओं को भी नई पहचान दिलाते हैं।
संस्था के सचिव आधार वर्मा ने बताया कि यह महोत्सव 8 से 14 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राज्य की संस्कृति, पर्यटन, स्वदेशी उद्यमिता, ग्रामीण विकास और युवा प्रतिभाओं को एक ही मंच पर प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि उनकी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जा सके, कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नन्हे कलाकारों युवाओं महिलाओं एवं नन्हे कलाकारों को सम्मानित किया गया है।
कार्यक्रम में मृदुल भट्ट, राहुल गौड़, महेंद्र कुमार वर्मा, महिमा शर्मा, कमलदीप महरा, सतपाल रावत, अर्चना बिष्ट, रूपा यादव, ममता वर्मा आदि समिति के सदस्य उपस्थित रहे।




