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खिरिया बाग धरना स्थल पर कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय को दी गई श्रद्धांजलि

खिरिया बाग (कप्तानगंज) आजमगढ़। आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण के खिलाफ जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में धरना जारी रहा। धरने में कामरेड दुखहरन सत्यार्थी द्वारा आंदोलनकारीयों को कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय के दिवंगत होने की सूचना मिलते ही शोक व्याप्त हो गया। धरना स्थल पर आंदोलनकारियों ने कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय को 2 मिनट मौन रहकर विनम्र श्रद्धांजलि प्रस्तुत किया।
जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष रामनयन यादव ने कहा कि कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय का जाना मजदूर किसान आंदोलन के लिए अपूर्णनीय क्षति है। कामरेड किसानों ,मजदूरों, उत्पीड़िक जनता के लिए हमेशा सच्चे साथी बनकर रहे। जनता के दिलों में वह और उनके विचार हमेशा जिंदा हैं।
धरना में फूलमति देवी, राम किशुन यादव,निर्मल प्रधान,लाल जी, नरोतम यादव,हरिहर, टेकई राम ,रामचरन , राम सिंगार, अवधेश,प्रभु नाथ ,बैरागी आदि उपस्थित रहे।
रामनयन यादव 9935503059

जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा (कप्तानगंज) आजमगढ़

कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय को लाल सलाम ✊🏿

   आज बहुत स्तब्ध और दुखी हूं। क्योंकि दुखद खबर मिली है कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय नहीं रहे। इस अविश्वसनीय खबर से संयुक्त किसान मोर्चा, आजमगढ़  जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा (खिरिया बाग)आजमगढ़ से लेकर उत्तर प्रदेश स्तर के किसान-मजदूर पक्षधर राजनीति को गहरा धक्का लगा है।बिमार रहते हुए भी ऐतिहासिक किसान आंदोलन के पांचवीं वर्षगांठ पर आजमगढ़ के कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी साथियों ने इसके लिए एतराज जताया उन्हें सही से ईलाज करवाने पर अभी प्राथमिकता देनी चाहिए। कामरेड वेद प्रकाश मार्क्सवादी विचारधारा के आजीवन प्रतिबद्ध साथी रहे। उनके जीवन के अंतिम चार वर्षों में हम विभिन्न किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा के माध्यम से उनके साथ कंधा से कंधा मिलकर साथ रहे और उनके जीवन का अनुभव प्राप्त किया। उनका किसान-मजदूर वर्ग के प्रति पक्षधरता, मार्क्सवाद के प्रति अडिगता ने आजमगढ़ में किसान आंदोलन को गति दिया है। बहुत विपरीत परिस्थितियों में आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण के ख़िलाफ़ खिरिया बाग किसान मजदूर आंदोलन में शामिल होकर हमारे हौसला को बुलंद किया।

जब स्थानीय ब्राह्मणवादी भगवा गिरोह ने अपने जातिय श्रेष्ठता का प्रदर्शन करते हुए आंदोलन के नेतृत्व को निशाना बना रहा था,उस वक्त कामरेड धरना स्थल पर आगे बढ़कर डटकर सामना किये थे। कामरेड हमारे बीच दोस्त जैसे रहे, आगे सीपीएम के देश स्तर के कार्यक्रमों में भी कई-कई दिनों तक कई प्रदेशों में इस उम्र में भी समय देते थे। उनका जाना हमारे मजदूर-किसान पक्षधर राजनीति और व्यापक मोर्चाबंदी के लिए अपूर्णनीय क्षति पहुंची है।

कामरेड वेद प्रकाश उपाध्याय अश्रुपूरित नेत्रों से विनम्र श्रद्धांजलि और लाल सलाम

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