Uncategorized

यूकॉस्ट का 28 से सम्मलेन, 57 देशों से विशेषज्ञ पहुंचेंगे, क्लाइमेट चेंज, आपदा प्रबंधन पर होगा मंथन

उत्तराखंड देहरादून
यूकॉस्ट का 28 से सम्मलेन, 57 देशों से विशेषज्ञ पहुंचेंगे, क्लाइमेट चेंज, आपदा प्रबंधन पर होगा मंथन,
सागर मलिक

भारत की वैज्ञानिक प्रणाली और आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए किए जाएंगे महत्वपूर्ण प्रयास

देहरादून। यूकाॅस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने आज देहरादून मे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस मे बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM 2025) तथा 20वाँ उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सम्मेलन (USSTC 2025) का आयोजन, 28 से 30 नवम्बर 2025 तक ग्राफिक एरा (डीम्ड-टू-बी) विश्वविद्यालय, देहरादून में आयोजित किए जाएंगे। ये आयोजन हिमालयी क्षेत्र की पारिस्थितिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए वैश्विक विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिक संस्थानों, नवोन्मेषकों, युवा नेतृत्व, आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों और समुदाय प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर भारत की वैज्ञानिक प्रणाली और आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने का महत्वपूर्ण प्रयास करेंगे।

विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मेलन (WSDM 2025) के उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे, जिनके नेतृत्व में राज्य में आपदा प्रबंधन की तैयारी, जलवायु परिवर्तन और समुदाय आधारित वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा दिया गया है। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. जितेन्द्र सिंह होंगे , जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। उनके मार्गदर्शन और भागीदारी से भारत की विज्ञान-आधारित आपदा प्रबंधन और स्पेस-आधारित प्रौद्योगिकी की प्रतिबद्धता उजागर होती है। 30 नवंबर 2015 को होने वाले समापन सत्र के मुख्य अतिथि राज्यपाल , लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह होंगे।

प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया कि विज्ञान प्रौद्योगिकी सम्मलेन में कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों की शुरुआत की जाएगी, जिनमें उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान, भागीरथ पुरस्कार और उत्तराखण्ड युवा महिला वैज्ञानिक पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार विज्ञान संचार, आपदा प्रबंधन, जलवायु , सामुदायिक सहभागिता और महिला वैज्ञानिक नवाचारों में उत्कृष्ट योगदान और यूकॉस्ट की वैज्ञानिक प्रतिभा संवर्धन एवं जमीनी स्तर पर वैज्ञानिक सहभागिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

उत्तराखण्ड का प्रथम राज्य-स्तरीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रीमियर लीग 2025 भी इसी अवसर पर आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य विज्ञान जागरूकता, जलवायु साक्षरता, नवाचार और आपदा तैयारी को राज्य के प्रत्येक गाँव तक पहुँचाना है। इसमें राज्य के सभी 13 जिलों से टीमें वैज्ञानिक क्विज़, नवाचार प्रदर्शनी, आपदा प्रतिक्रिया चुनौतियों और जलवायु समस्या समाधान प्रतियोगिताओं में भाग लेंगी। यह पहल राज्य में बाल वैज्ञानिक और जलवायु प्रहरी तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

विश्व आपदा प्रबंधन शिखर सम्मलेन का मुख्य विषय है, “समुदायों के निर्माण हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करना”, और यह 5E Framework (Engage, Educate, Enable, Empower, Excel) पर आधारित है। सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न बढ़ती चुनौतियों जैसे बाढ़, भूस्खलन, वनाग्नि, हीटवेव, बादल फटना और हिमनद झील जोखिम का समाधान करना और भारत तथा हिमालयी क्षेत्र में वैश्विक सहयोग एवं ज्ञान साझा करने का मंच स्थापित करना है। सम्मेलन में छह प्रमुख प्लेनरी/ विचार विमर्श सत्र आयोजित होंगे, जिनमें आपदा प्रबंधन, जल संसाधन एवं ग्लेशियर खतरे, मानवता की सुरक्षा, हिमालय के संरक्षक, बहु-आपदा जोखिम, तथा पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के माध्यम से जागरूकता शामिल हैं। इसके अलावा बारह विशेष प्रौद्योगिकी सत्र (STS) आयोजित किए जाएंगे जिनमें नीति, शिक्षा, अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, तकनीकी नवाचार, वित्तीय समाधान और हिमालयन कॉरिडोर लचीलापन से जुड़ी पहलें शामिल हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
plz call me jitendra patel