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UKSSSC पेपर लीक मामले की जांच अब एसआईटी को सौंपी

उत्तराखंड देहरादून
UKSSSC पेपर लीक मामले की जांच अब एसआईटी को सौंपी,
सागर मलिक

*हाईकोर्ट के रिटायर जज एक महीने में पूरी करेंगे जांच

बेरोजगार संघ ने कहा, सीबीआई जांच से कम मंजूर नहीं*

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में सरकार ने एसआईटी के गठन का फैसला किया है।
उत्तराखंड सरकार ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है।
एसआईटी एक महीने के भीतर अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंपे। इस दौरान परीक्षा परिणाम की घोषणा स्थगित रहेगी। सीएम धामी ने कहा कि सरकार नकल माफिया को दफन कर देगी ।

दूसरी ओर, परेड ग्राउंड इलाके में तीसरे दिन भी
बेरोजगारों का धरना प्रदर्शन जारी रहा। बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने सचिव शैलेश बगौली से मिलाने लाये गए हरिद्वार के के एक संस्थान के छात्रों का मसला उठाया। वक्ताओं ने कहा कि इस मामले में साफ बौखलाहट दिखाई देती है। धरने में बड़ी संख्या में छात्राएं व महिलाएं भी पहुंची।

बीते 21 सितंबर को प्रदेश भर के 445 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा के दौरान कुछ प्रश्न पत्रों के स्क्रीनशॉट्स वायरल होने की सूचना मिली थी। इस पर तत्काल जांच शुरू की गई। पुलिस ने मुख्य आरोपी खालिद को गिरफ्तार किया, जो पहले आईआईपी देहरादून और लोक निर्माण विभाग में संविदा कर्मी रह चुका था। खालिद के साथ उसकी बहन सबिया और अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया कि खालिद जिस केंद्र में परीक्षा दे रहा था, वहां जैमर लगे होने के बावजूद कमरा नंबर 9 में जैमर नहीं था। इसी कमरे से खालिद ने परीक्षा के तीन पन्ने अपनी बहन को भेजे। फिलहाल खालिद का मोबाइल गायब है, जिसे बरामद करना पुलिस के लिए सबसे अहम चुनौती बनी हुई है।्रएसआईटी की जांच पूरे मामले की गहन पड़ताल करेगी ताकि परीक्षा में शामिल सभी आरोपियों और नेटवर्क की परतें उजागर की जा सकें।

१५-१५ लाख रुपये मांगे थे
यूकेएसएसएससी परीक्षा से ठीक पहले नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि उन्होंने कुछ अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर 15-15 लाख रुपये की मांग की थी।

खालिद का मोबाइल खुलासे की अहम कड़ी
पुलिस का मानना है कि खालिद का मोबाइल ही इस पूरे गिरोह की अहम कड़ी है। मोबाइल बरामद होने पर इसमें मौजूद चैट, कॉल रिकॉर्ड और तस्वीरों से पेपर लीक की पूरी साजिश का पता चल सकता है।

पेपर लीक मामले में अब तक छह गिरफ्तारी, जांच जारी

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में पुलिस ने अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। लगभग एक दर्जन संदिग्ध रडार पर हैं। मुख्य आरोपी खालिद

मलिक को मंगलवार को हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था।

इसके साथ ही उसकी बहन सबिया को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने खालिद के फरार होने के बाद उसकी तलाश में कई स्थानों पर छापेमारी की थी। खालिद ने स्वीकार किया कि उसने परीक्षा केंद्र में जाकर वॉशरूम में प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींची और उन्हें अपनी बहन को भेजा, जिन्होंने उन्हें एक सहायक प्रोफेसर को भेजा।

इसके अलावा, हाल ही में दो अन्य आरोपियों, पंकज गौर और हकम सिंह, को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों ने अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये की मांग की थी, ताकि वे परीक्षा में सफल हो सकें। हाकम सिंह पहले भी 2021 में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस की विशेष जांच दल मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ नकल विरोधी अधिनियम 2023 के तहत कार्रवाई की जा रही है,

अभी तक गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं

खालिद मलिक – मुख्य आरोपी
सबिया – खालिद की बहन
पंकज गौर – आरोपी
हाकम सिंह – आरोपी
५. सुमन – आरोपी
6-हिना
एसआईटी अध्यक्ष : रिटायर्ड हाईकोर्ट जज
जांच अवधि : एक महीना
मुख्य आरोपी : खालिद
मोबाइल : अभी तक बरामद नहीं रिजल्ट : जांच पूरी होने तक स्थगित
कानूनी आधार : उत्तराखंड नकल विरोधी अधिनियम 2023

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