Uncategorized

उत्तराखंड: वामपंथी दलों ने पंचायत व नगर निकाय में एक साथ मतदाता पर उठाए सवाल,

सागर मलिक

निर्वाचन आयोग से ऐसे नामांकन निरस्त करने की मांग

देहरादून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भाकपा (माले) के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त की अनुपस्थिति में यह ज्ञापन उनके निजी सचिव को दिया गया।

ज्ञापन में 6 जुलाई 2025 को आयोग के सचिव द्वारा चमोली जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र पर आपत्ति जताई गई। पत्र में कहा गया था कि नगर निकाय का मतदाता भी पंचायत चुनाव में प्रत्याशी हो सकता है। तीनों दलों ने कहा कि संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के तहत पंचायत और नगर निकाय की व्यवस्थाएं अलग-अलग हैं। ऐसे में दोनों का मतदाता एक कैसे हो सकता है? यह पूरी प्रणाली का मजाक है।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं के अनुसार नगर निकाय का मतदाता पंचायत चुनाव में प्रत्याशी नहीं हो सकता। उन्होंने मांग की कि ऐसे नामांकन निरस्त किए जाएं और भविष्य में स्पष्ट प्रावधान किया जाए कि व्यक्ति केवल एक ही — या तो नगर निकाय या पंचायत — का मतदाता और प्रत्याशी हो।

ज्ञापन पर भाकपा के समर भंडारी, माकपा के राजेंद्र पुरोहित और भाकपा (माले) के इन्द्रेश मैखुरी के हस्ताक्षर हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
plz call me jitendra patel