पानी बोरवेल,रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से जलभराव से मिलेगी निजात

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : जनसेवा टीम के तत्वाधान में पीलीभीत बाईपास स्थित लॉन में जागरूकता को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया।बैठक की अध्यक्षता करते हुए जनसेवा टीम के अध्यक्ष एवं समाजसेवी पम्मी ख़ाँ वारसी ने कहा कि बारिश के कारण जलभराव एक जटिल समस्या है,जलभराव के कारण व्यापारियों का नुकसान हुआ,घरों में पानी घुसा, सड़को पर निकलना मुश्किल हो जाता है इस जटिल समस्या से निजात के लिये जलभराव के जूझने वाले क्षेत्रों में पानी बोरवेल के माध्यम से सीधे जमीन के नीचे भेजने की व्यवस्था नगर निगम प्रशासन बनानी चाहिये।
सरकारी गैर सरकारी इमारतों एवं पार्कों को संवारने के क्रम में सभी पार्क रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से लैस होने चाहिये।
जनता के लिये सुझाव और अपील है जलभराव को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय प्रभावी हो सकते हैं:नालियों की सफाई और रखरखाव: नियमित रूप से नालियों और सीवर सिस्टम की सफाई करें ताकि पानी का बहाव रुके नहीं। कचरा, पत्तियां और मलबा हटाएं।उचित जल निकासी व्यवस्था: शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी ड्रेनेज सिस्टम बनाएं। नालियों को ढककर और उनकी ढलान को सही रखकर पानी का प्रवाह सुनिश्चित करें।रेनवाटर हार्वेस्टिंग: वर्षा जल संचयन प्रणाली अपनाएं। इससे बारिश का पानी जमीन में रिसता है और जलभराव कम होता है।वृक्षारोपण: पेड़-पौधे लगाएं, जो मिट्टी को स्थिर रखते हैं और पानी को सोखने में मदद करते हैं।
समाजसेवी डॉ सीताराम राजपूत ने कहा कि अवैध निर्माण पर रोक: नदियों, नालों और जलाशयों के किनारे अवैध निर्माण को रोकें, जो जल निकासी में बाधा बनते हैं।सड़कों का उचित डिज़ाइन: सड़कों को ढलान के साथ बनाएं ताकि पानी नाले की ओर बहे। गड्ढों को समय पर भरें।जलाशयों का संरक्षण: तालाबों, झीलों और जलाशयों को साफ और गहरा रखें ताकि अतिरिक्त पानी संग्रहित हो सके।जागरूकता और सामुदायिक सहयोग: लोगों को कचरा नालियों में न फेंकने के लिए जागरूक करें और सामुदायिक स्तर पर सफाई अभियान चलाएं।आधुनिक तकनीक का उपयोग: स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम और मॉनिटरिंग का उपयोग करें ताकि जलभराव की स्थिति को पहले ही पहचाना जा सके।सरकारी नीतियां और योजना: नगर निगम और सरकार द्वारा दीर्घकालिक शहरी नियोजन और बाढ़ प्रबंधन नीतियों को लागू करें।इन उपायों को सामूहिक रूप से लागू करने से जलभराव की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
समाजसेवी निक्की वर्मा ने कहा कि जल है तो कल है जल ही जीवन है ये सब बोलने में लिखने में अच्छा लगता है लेकिन जल को एकत्रित करना और व्यर्थ ना करना वर्षा का पानी एकत्रित करके रैन हार्वेस्टिंग के थ्रू वापस उसके स्थान पे पहुंचना ये भी आपके जीवन का हिस्सा है।
शिव शक़्ति टाइल्स के मालिक विष्णु गुप्ता ने कहा कि वर्षा जल संचयन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के जीवन में पानी की कमी एक बड़ी चिंता का विषय है। चूंकि वर्षा जल को शुद्ध माना जाता है, इसलिए इसका विभिन्न उद्देश्यों के लिए पुनः उपयोग किया जा सकता है। इसलिए पानी को संरक्षित करना आवश्यक है।
बैठक में मुख्य रूप से पम्मी ख़ाँ वारसी,डॉ सीताराम राजपूत, दानिश खान,निक्की वर्मा,विष्णु गुप्ता,विनोद श्रीवास्तव,अंकित मौर्या, हाजी साकिब रज़ा ख़ाँ, सलमान, जहीर,सोनू,राजू भारती, शान, तस्लीम, फरहान,जाफरान,आसिफ आदि शामिल रहे।