छात्र संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का किया स्वागत
अररिया संवाददाता
अररिया।छात्र संगठन स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमान अहमद के फारबिसगंज आगमन पर कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया इस मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमान अहमद ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से देश की शैक्षणिक संस्थान तथा शैक्षिक क्रियाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। हालांकि सरकार ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दें। लेकिन रिपोर्टस बताती है कि ऑनलाइन शिक्षा का काफ़ी बुरा प्रभाव पड़ा है। खास तौर पर कम उम्र के बच्चों के सेहत पर इसका नकारात्मक असर हुआ है। साथ ही ऑनलाइन शिक्षा का सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह हुआ कि बच्चे किताबों से दूर हो गए वही 18 से 30% बच्चे अपनी पुरानी पड़ी हुई तथ्यों को भूल चुके हैं। वहीं उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अभी भी उच्च शिक्षण संस्थान बंद रखने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार की मंशा पर कई सवाल खड़ा करते हुए देश के भविष्य पर चिंता व्यक्त की। एक अन्य सवाल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि क्योंकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था बुनियादी तौर पर अन-ऑर्गेनाइज सेक्टर पर निर्भर करती है और इस कोरोना महामारी की वजह से दुनिया के सबसे लंबे लॉकडाउन की वजह से हमारे मुल्क का मध्यम और निम्न वर्ग पूरी तरह त्रस्त है लाखों लोग रोजगार बंद होने के कारण दिवालिया हो गए और बेरोजगारी की हालात में भटक रहे हैं सरकार की गलत नीतियों की वजह से युवा व देश का अन्नदाता आत्महत्या करने पर मजबूर है। वही आमतौर पर चोरी की घटनाएं भी बढ़ते हुए देखी जा रही है। सरकार की कल्याणकारी योजनाएं सिर्फ नारों और स्लोगन से ही चलाए जा रहे हैं धरातल पर इसका कोई साक्ष्य नहीं दिख रहा है। ऑनलाइन शिक्षा तथा बच्चों के शिक्षण शुल्क के संदर्भ में प्रश्न पूछे जाने पर श्री सलमान अहमद ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों कारोबारियो को रियायत दे सकती है लेकिन छात्रों और शिक्षकों को रियायत देना बहुत दूर की बात है बल्कि सभी कॉलेज यूनिवर्सिटीओं में लगातार फीस बढ़ाई जा रहे हैं आखिर देश के भविष्य छात्रों के साथ अन्याय पूर्ण रवैया कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। इसी को लेकर अभी पूरे देश में एसआईओ “शिक्षा संवाद” नाम से राष्ट्रव्यापी अभियान चला रही है जिसमें हमारी मांगे है कि तमाम भारत के उच्च शैक्षणिक संस्थान अभिलंब खोले जाएं जब कारोबारियों को टैक्स में रियायत दी जा सकती है तो छात्रों के शैक्षिक शुल्क भी माफ होने चाहिए। संगठन छात्रों के लिए क्या कर रही है इस प्रश्न के उत्तर में कहा कि हम पिछले कई सालों से देश के अलग-अलग हिस्सों में शैक्षणिक संस्थान पाठशाला का कार्यक्रम चला रहे हैं जिसमें हमारे संगठन के सदस्य गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं। वही इस प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष दानियाल अकरम, राज्य सचिव शादमान नोमानी, सद्दाम हुसैन, इकाई अध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद आसिम, जमात-ए-इस्लामी के फारबिसगंज इकाई अध्यक्ष रिजवान खान आदि मौजूद थे।