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जयराम विद्यापीठ में शुरू हुआ 5 दिवसीय सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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सर्वकल्याण एवं विश्व शांति की भावना से सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप।
अकाल मृत्यु से बचाता है महामृत्युंजय मंत्र का जाप : आचार्य लेखवार।
कुरुक्षेत्र, 23 अप्रैल : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में सर्वकल्याण एवं विश्व शांति की भावना से रविवार को सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप अनुष्ठान प्रारम्भ हुआ। मंत्र जाप अनुष्ठान प्रारम्भ के साथ विद्यापीठ में स्थित श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर पूजन कर भगवान शंकर का आह्वान किया गया।
सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप अनुष्ठान चंडीगढ़ के जगदीश गोयल एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा करवाया जा रहा है। महामृत्युंजय मंत्र जाप 21 ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। आचार्य लेखवार ने बताया कि भगवान शिव की आराधना में जिन मंत्रों का जाप किया जाता उनमें महामृत्युंजय मंत्र प्रमुख है। इस मंत्र के जाप से भगवान शिव प्रसन्न करने के साथ ही अकाल मृत्यु भी बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बात का उल्लेख शास्त्रों और पुराणों में किया गया है। पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि मनुष्य इस मंत्र के जाप के प्रभाव से मौत के मुंह में जाते-जाते बच जाता है। इस मंत्र से महाकाल शिव की असीम कृपा मिलती है और मनुष्य की आयु बढ़ती है। इस अवसर पर श्रवण गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, के. के. कौशिक, टेक सिंह, राजेश सिंगला, प्राचार्य रणबीर भारद्वाज, सतबीर कौशिक एवं रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
स्फटिक मणि शिवलिंग पर पूजन करते हुए श्रद्धालु।