देहरादून: बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत शुरू हुए निर्माण कार्य पर तीर्थपुरोहितों ने आक्रोश जताया है। तीर्थपुरोहितों को आरोप है कि बिना उनकी सहमति और गैर मौजूदगी में उनकी भूमि पर बुलडोजर चला दिया गया है। श्री बदरीश पंडा पंचायत ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर आक्रोश व्यक्त कर तत्काल कार्रवाई को रोकने की मांग की है।
तीर्थपुरोहितों का आरोप है कि बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान को धरातल पर उतारने की जल्दी में प्रशासन ने सभी नियम और कानून ताक पर रख दिए हैं। यहां प्रथम चरण में अलकनंदा नदी तट पर प्रस्तावित आस्था पथ निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा तीर्थ पुरोहितों की पुश्तैनी जमीनों पर बुलडोजर चला दिया गया है। पुरोहितों ने कहा कि श्री बदरीश पंडा पंचायत प्रतिनिधि अशोक टोडरिया द्वारा बदरीनाथ पहुंचकर जब इसकी जानकारी व फोटो देवप्रयाग भेजी गई, तो उन्हें तब जाकर इसकी जानकारी मिल पाई।
प्रभावित तीर्थ पुरोहित प्रशांत भट्ट, चिरंजी लाल पंचपुरी, मिठ्ठन लाल, राजेंद्र कर्नाटक, प्यारे लाल बहुगुणा, ऋषि रैवानी, गिरीश ध्यानी, विजय टोडरिया आदि ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन ने उनकी भूमि भवन के बदले दिए जाने वाले मुआवजे व भवन का कोई भी लिखित दस्तावेज उन्हें नहीं दिया है। श्री बदरीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने डीएम को भेजे पत्र में बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के फेज एक में नारायणपुर स्थित नदी किनारे तीर्थ पुरोहितों की बिना अनुमति कार्य शुरू किए जाने व उनके घरों की नीव खोखली करने का कड़ा विरोध किया है।