किसान खाद के लिए भटकता ही रह जाता है मजबुर होकर बाहर से लेने पर मजबूर होता मगर सरकारी रेट से नहीं मिलता है किसानो को खाद सरकारी रेट भी जादा लिया जाता है किसानों से पैसा जितने भी पराईबेट दुकाने हैं उन दुकानों पर बिलेक करते है अधिकारी और कर्मचारी किसानों के साथ कोई नहीं सिर्फ और सिर्फ दिखावा में ही रहती है सरकार इन सभी किसानों का कहना है अगर इसी तरह रहा तो भारत का किसान आंदोलन करने पर बाध होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार और सरकार को चलाने वाले अधिकारी और कर्मचारी की होगी। जिला ब्यूरो चीफ रहीम उर्फ सब्लू खांन की रिपोर्ट