कड़कनाथ इकाई प्रारंभ: डॉ कनौजिया
✍️ कन्नौज ब्यूरो
कन्नौज । कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी कन्नौज पर पोल्ट्री फार्मिंग के अंतर्गत कड़कनाथ पोल्ट्री इकाई प्रारंभ की गई । केन्द्र के अध्यक्ष डॉ वी. के. कनौजिया ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गा इकाई की स्थापना का मुख्य उद्देश्य कृषकों तथा नवयुवकों को प्रशिक्षित करना है। जिससे वह रोजगार के अवसर पैदा कर सकें तथा खुद को आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी बना सकें। “आओ करके सीखे” को ध्यान में रखकर इस योजना की शुरुआत की गई है। आशा है कि, ग्रामीण नवयुवक यहां से प्रशिक्षण लेकर शीघ्र ही अपनी पोल्ट्री स्थापित करेंगे हैं। डॉ सी के राय ने बताया कि, कड़कनाथ भारतीय नस्ल की विशुद्ध काली नस्ल है, यह मध्य प्रदेश के धार झाबुआ क्षेत्र की मूल नस्ल है, जो पूर्व में ग्रामीण आदिवासियों द्वारा पाले जाते रहे हैं । उसका मांस लगभग काला तथा पौष्टिक गुणों से भरपूर होने के कारण एथलीट तथा खिलाड़ियों में बेहद प्रसिद्ध है। हाई प्रोटीन क्वालिटी की तथा एनर्जी वैल्यू के कारण इसकी मांग काफी तेजी से बढ़ रही है । अंडे तथा मांस दोनों काफी गुणकारी एवम अत्यंत स्वादिष्ट है, परंतु मुर्गियों की तुलना में कड़कनाथ मुर्गों की मांग ज्यादा है। एक मुर्गा लगभग 800 से ₹1000 की दर से बिक जाता है। यह नस्ल ग्रामीण परिवेश में आसानी से घुल मिल जाती है । तथा इसके घर के पीछे भी रख कर, घर बचा खाना, मक्का, बाजरा, गेहूं का दलिया खिला कर आसानी से पाला जा सकता है। कड़कनाथ मुर्गे लगभग 5 माह में तैयार हो जाते हैं तथा प्रत्येक मुर्गे पर लगभग ₹300 की शुद्ध बचत हो जाती है। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ अरविंद कुमार, डॉ विनोद कुमार, डॉ सुशील कुमार, डॉ अमरेन्द्र यादव तथा प्रदीप कटियार ने इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह ग्रामीण क्षेत्र के नवयुवकों के लिए कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाने का एक व्यवसाय हो सकता है। तथा नवयुवक स्वरोजगार के रूप में इसे अपना सकते हैं।