सावन के अंतिम रविवार को श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धा से जुटे श्रद्धालु।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के प्रिय भक्त ऋषि मार्कंडेय के अभिषेक के साथ हुवा सावन पार्थिव शिवलिंग पूजन व अभिषेक।
कुरुक्षेत्र, 7 अगस्त : मारकंडा नदी के तट पर स्थित श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मंदिर ठसका मीरां जी में सावन के अंतिम रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे। रविवार का दिन भगवान शिव के परम भक्त ऋषि मार्कंडेय का होने के कारण पहले उनका अभिषेक किया गया और मीठे चावलों का प्रसाद वितरित किया गया। इसी के साथ अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में दिल्ली से आए अशोक कंसल, अल्का कंसल, अभिषेक कंसल सहित गुरपाल सिंह, कमलेश कौर, वीरेंद्र सिंह, नवदीप कौर, राज कुमार सैनी, मीना रानी, अनु रानी, गोविन्द जिंदल, शशि बाला, तमन्ना जिंदल, दीक्षा जिंदल, नीरज शर्मा, जयवीर शर्मा, पूनम शर्मा, भगवती देवी तथा शीतल देवी इत्यादि ने मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन किया तथा अभिषेक किया। इसके उपरांत मारकंडा नदी में विसर्जन किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि पूरे सावन महीने में पार्थिव शिवलिंग पूजन चल रहा है। इस का विधिवत 9 अगस्त को समापन होगा। उन्होंने बताया कि भगवान शिव के प्रिय मास सावन में किया गया शिव पूजन, व्रत और दान बहुत फलदायी होता है। शास्त्रों में शिव का मतलब कल्याण करने वाला बताया गया है। सावन मास के हर दिन में किए गए तप का अपना अलग ही महत्व होता है।सावन महीने में बीमारी या पीड़ा से राहत हेतु पार्थिव पूजन का बहुत महत्व है। इसमें रविवार को पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक बहुत ही फलदायी बताया गया है। आदितेश्वरनाथ पूजन के लिए शंकर जी के आदित्य स्वरूप की पूजा करने का विधान है। इसके लिए मिट्टी का लिंग बनाकर शिव महिम्न स्त्रोत के श्लोकों से पूजा और अभिषेक करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी सीताराम, स्वामी संतोषानंद, स्वामी केवलानंद, मयूर गिरि, बिल्लू पुजारी, भाना राम, सुक्खा सिंह व नाजर सिंह इत्यादि भी मौजूद थे।
पार्थिव शिवलिंग पूजन एवं अभिषेक करते हुए। मारकंडा नदी में पार्थिव शिवलिंग विसर्जन के लिए जाते हुए।