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जयराम विद्यापीठ कुरुक्षेत्र में महाशक्ति पर्व पर यज्ञ में डाली आहुतियां।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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विद्यापीठ में निरंतर हो रहा दुर्गा सप्तशती पाठ व शतचंडी अनुष्ठान।
कुरुक्षेत्र, 30 सितम्बर : ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में देशभर में फैली जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से शारदीय नवरात्रों के अवसर पर विद्वान ब्राह्मणों द्वारा निरंतर दुर्गा सप्तशती पाठ व शतचंडी अनुष्ठान किया जा रहा है। अनुष्ठान के पांचवें दिन भी यजमान परिवार तथा श्रद्धालु पूजन में शामिल हुए। आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार ने बताया कि महाशक्ति आराधना के पर्व शारदीय नवरात्र पूजन में शक्ति की आराधना में नियमों का पूरी तरह पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस अनुष्ठान विधि में नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए जो 2 से 10 वर्ष तक की होनी चाहिए तथा इन कन्याओं को क्रमशः कुमारी, त्रिमूर्ति, कल्याणी, रोहिणी, कालिका, शाम्भवी, दुर्गा, चंडिका तथा मुद्रा नाम मंत्रों से पूजना चाहिए। आचार्य लेखवार ने बताया कि कन्या पूजन में संपूर्ण मनोरथ सिद्धि हेतु ब्राह्मण कन्या, यश हेतु क्षत्रिय कन्या, धन के लिए वैश्य तथा पुत्र प्राप्ति हेतु शूद्र कन्या का पूजन करना चाहिए। इन सभी कन्याओं का आहवान प्रत्येक देवी का नाम लेकर यथा मैं मंत्राक्षरमयी लक्ष्मीरुपिणी, मातृरुपधारिणी तथा साक्षात् नव दुर्गा स्वरूपिणी कन्याओं को आदरपूर्वक आमंत्रित करता हूँ तथा प्रत्येक देवी को नमस्कार करता हूं।’ इस प्रकार से प्रार्थना करनी चाहिए। नवरात्रों के चलते विद्यापीठ में स्थित श्री वैष्णो देवी गुफा में दर्शनों के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शाम को महामृत्युंजय मंत्र जाप, सुहासिनी पूजा, मूलमंत्र यज्ञ और फिर कुमकुम पूजा की गई। इस अवसर पर के के कौशिक, श्रवण गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, राजेश सिंगला, यशपाल, सतबीर कौशिक इत्यादि भी मौजूद थे।
जयराम विद्यापीठ में नवरात्र अनुष्ठान पूजन करते हुए।