संसार में मानव कल्याण के लिए भागवत कथा अमृत के समान : प. कमल कुश।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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ऋषि मार्कंडेय प्राकट्योत्सव पर श्री मद भागवत महापुराण कथा आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 5 अक्तूबर : संत महापुरुषों के आशीर्वाद से श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में पांच दिवसीय ऋषि मार्कंडेय प्राकट्योत्सव के अवसर पर श्री मद भागवत महापुराण कथा भी आयोजित की गई है। अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं अन्य संतों ने कथा के पहले दिन व्यासपीठ का पूजन किया। कथा के पहले दिन व्यासपीठ से यज्ञ आचार्य एवं कथा प्रवक्ता भागवत किंकर प. कमल कुश ने कहा कि संसार में मानव कल्याण के लिए भागवत कथा अमृत के समान है। कथा वास्तव में भगवान कृष्ण की ही वाणी है। इसमें स्वयं भगवान आनंद स्वरूप में विराजे हैं। भागवत कथा रूपी अमृत का जिसने भी पान किया, वह इस संसार में जीवन व मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है क्योंकि भागवत कथा जीवन के सारे संशयों को दूर करती है। प. कमल किंकर ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भागवत की शरण से जीव का कल्याण निश्चित है। जब पुण्यों का उदय होता है एवं ईश्वर एवं पूर्वजों का अनुग्रह मिलता है, तब मनुष्य को श्रीमद भागवत कथा के श्रवण का लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि धन, ऐश्वर्य, मान सम्मान सब क्षणिक वस्तुएं हैं, यदि आपके जीवन में सही सत्संग है तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा l श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से जन्मों जन्मों के पाप क्षीण हो जाते हैं और मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है । श्रीमदभागवत कथा भगवान का साक्षात स्वरूप है। श्रीमद् भागवत कथा के अनुष्ठान का बहुत पुण्य लाभ मिलता है। इस कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य दुखों से दूर होता है। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, स्वामी सीताराम, भगवान गिरि, मयूर गिरि, नरेश शर्मा, संजीव शर्मा, बिल्लू पुजारी, अंकुश, सिंदर इत्यादि भी मौजूद रहे।
व्यासपीठ पर कथा वाचक भागवत किंकर प. कमल कुश साथ में मंच पर महंत जगन्नाथ पुरी। व्यासपीठ पर कथा वाचक भागवत किंकर प. कमल कुश एवं व्यापीठ पर आरती करते हुए यजमान।