कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्राणिशास्त्र विभाग पक्षियों के संरक्षण की जागरूकता के लिए कर रहा है काम।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 7 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राणिशास्त्र विभाग विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर ने विश्व प्रवासी दिवस पर कहा कि पक्षियों की एक स्वस्थ आबादी को संरक्षित करते हुए प्रवासी पक्षियों के प्रजनन, ग़ैर-प्रजनन के साथ-साथ ठहरने (रहने) वाले आवासों की सुरक्षा के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है। पर्यावरण में पक्षियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए इनकी आवश्यकता होती है। पक्षी प्रकृति के दूत हैं, यही वज़ह है कि प्रवासी पक्षी प्रवास को बढ़ावा देने के लिए पारिस्थितिक संबंध और अखंडता को बहाल करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि कुवि का प्राणिशास्त्र विभाग पक्षियों के संरक्षण की जागरूकता के लिए निरंतर काम कर रहा है। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर हम सबको प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए प्रण लेना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी पक्षी दिवस 2006 में चिह्नित किया गया था जब संयुक्त राष्ट्र ने फैसला किया कि दुनिया की आबादी को दुनिया भर में प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है। इस बार यानी 2022 की विश्व प्रवासी पक्षी दिवस की थीम/विषय प्रकाश प्रदूषण पर केंद्रित है। दुनिया भर में हर साल कृत्रिम प्रकाश कम से कम 2 फीसदी बढ़ रहा है और यह कई पक्षी प्रजातियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है। प्रकाश प्रदूषण प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, जो रात में उड़ने पर भटकाव पैदा करता है, जिससे ये इमारतों से टकरा जाते हैं। उनकी आंतरिक घड़ियों में गड़बड़ी होती है या लंबी दूरी के प्रवास करने की उनकी क्षमता में हस्तक्षेप होता है। प्रवासी पक्षियों के सरंक्षण के लिए प्रतिवर्ष दो बार विश्व प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है।