शिक्षा के बलबूते ही बदलेगा बच्चों का भविष्य और बढ़ेगा समाज का मान सम्मान । मौलाना ,
फोटो , मदरसे परिसर में बच्चों के साथ शिक्षक ,
अररिया
जहां सरकार के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को अग्रसर करने के लिए लाखों रुपए की राशि खर्च कर स्कूल भवन के साथ अच्छे शिक्षक की न्युक्ति कर समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलने को लेकर सराहनी कदम उठाया गया है जिसे इनकार भी नहीं किया जासकता है । वहीं फारबिसगंज प्रखंड के डोरिया सोनापुर पंचायत स्थित लक्ष्मीपुर में मदरसा दारूल कुरआन एजाजिया में गरीब यतीम बच्चों को कुरआन हदीश की शिक्षा के साथ साथ हिंदी अंग्रेजी और उर्दू की शिक्षा निजी स्तर से दी जारही है ताकि पिछड़े इलाकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा से जोड़ने का प्रयास की जारही है । उक्त बातें मदरसा के हेड शिक्षक मौलाना मो नौमान कासमी ने कही । उन्होंने कहा पिछड़ा इलाका होने को लेकर यहां के बच्चे तालीम की रौशनी से दूर हो रहे थे जिसको लेकर ग्रामीण व शिक्षक के पहल से 21 डिसमिल भूमि पर मदरसे का स्थापना कर समाज के गरीब यतीम बच्चों को शिक्षा दी जारही है । उन्होंने यह भी कहा समाज में फैली हुई कुरीतियों को दूर करने के लिए शिक्षा अहम है और तालीम के बल बूते ही समाज को नई रौशनी मिलेगी । उन्होंने कहा मदरसे में बच्चों को कुरआन व हदीश की शिक्षा देने के साथ साथ हिंदी अंग्रेजी की भी शिक्षा दी जारही है ताकि बच्चों को आगे की शिक्षा के लिए कोई परेशानी नहीं उठानी पड़े। हालांकि मदरसे के लिए गांव के ही स्वर्गीय मौलाना मसलेह उद्दीन ने 21 डिसमिल भूमि दान में देकर इस मदरसे की बुनियाद रखी ताकि क्षेत्र के बच्चों को तालीम से जोड़ा जासकें । जबकि मदरसा के रजिस्टर्ड के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी आवेदित किया गया है । मदरसा में करीब 300 बच्चे शिक्षा पारहे हैं और 07 शिक्षक निजी स्तर से रखा गया है जिसे ग्रामीणों के सहयोग से मानदेय देने का प्रावधान है ।मौके शिक्षक मौलाना इफ्तखार आलम, मौलाना मसूद आलम, हाफिज फिरोज आलम, हाफिज तबारक, मास्टर इफ्तखार , हाफिज फुरकान, कारी मो हरीश, मौलाना मो सुलेमान, आदि मौजूद थे ।