आज मनेगा विश्व हाथ धुलाई दिवस – सीएमओ

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

आज मनेगा विश्व हाथ धुलाई दिवस – सीएमओ

रखें हाथों की सफाई,बीमारी को कहें बाय बाय

स्वस्थ शरीर के लिए हाथों की सफाई बेहद जरूरी

आजमगढ़। 14 अक्टूबर 2022
साबुन से हाथ धोने से डायरिया, दस्त, पीलिया जैसे रोगों एवं कोरोना वायरस जैसे संक्रमण से बचाव के लिए भी यह बेहद महत्वपूर्ण हो गया है| विश्व हाथ धुलाई दिवस का उद्देश्य लोगों में हाथ धुलाई के महत्व के बारे में जागरूक करना है। स्वस्थ शरीर का मूलमंत्र है हाथों की सफाई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि हमारे हाथों में अनदेखी गंदगी छिपी होती है जो किसी भी वस्तु को छूने, उसका उपयोग करने व कई तरह के दैनिक कार्यों के कारण होती है। यह गंदगी बगैर हाथ धोए खाद्य एवं पेय पदार्थों के सेवन से आपके शरीर में जाती हैं और बीमारियों को जन्म देती हैं। इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के मकसद से पूरे विश्व में 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय कुमार ने कहा कि हाथों की सफाई से ही कोविड- 19 जैसी वैश्विक बीमारी को भी परास्त किया गया है। इस कारण से विश्व हाथ धुलाई दिवस पर बहुत जोर दिया जा रहा है। कारण बिलकुल साफ है कि सिर्फ हाथ को अच्छे से धुलने से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। बेहद आसान तरीका साबुन पानी से हाथ धोएं और कई बीमारियों से बचें। जैसे कोरोना वायरस संक्रमण, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए से होने वाली पीलिया, वर्म संक्रमण से होने वाली एनीमिया, खूनी दस्त से लेकर डायरिया जैसी बीमारियों को रोका जा सकता है।
हाथ धुलाई कार्यक्रम के अंतर्गत साबुन से हाथ धोने के मुख्य 6 चरणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। भोजन खाने व बनाने के पहले, नाक मुंह व आंखों को छूने के बाद, खांसने एवं छींकने के बाद, शौच व शौचालय के उपयोग के पश्चात हाथ धोने के महत्व के बारे में प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों को बताया जाएगा। हाथों के जरिये मुंह व नाक के रास्ते कई बीमारियाँ शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाती हैं। हाथों के संक्रमण के जद में ज्यादातर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे आते हैं। जिसके कारण वह निमोनिया और डायरिया की चपेट में आसानी से आ जाते हैं और उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। और अगर बच्चों के हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाए तो इनके जीवन को सुरक्षति रखा जा सकता है क्योंकि बच्चे इधर-उधर चीजों को छूने के बाद ऊँगली मुंह में ही डाल लेते हैं और वही डायरिया का प्रमुख कारण बनता है। डायरिया की चपेट में रहने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते है, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि बच्चों के हाथों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही बच्चों में आदत डालना होगा कि हाथों की सफाई उनके व्यवहार में शामिल में हो सके।
जिला महिला चिकित्सालय मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ मंजुला सिंह ने कहा कि धात्री मां को हाथों की स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिए जैसे – खाना बनाने और खाना खाने से पहले, शौच के बाद, नवजात शिशु को हाथ लगाने से पहले, खांसने या छींकने के बाद, बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद, कूड़ा-कचरा निपटान के बाद, बच्चे को छूने व स्तनपान कराने से पहले। बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद साबुन-पानी से 40 सेकेण्ड तक अच्छी तरह से हाथों को अवश्य धोना चाहिए। हाथों की सही सफाई‘सुमन-के’ (एसयूएमएएन-के) -छह प्रमुख चरण बताये गए हैं, जैसे – एस का मतलब है पहले सीधा हाथ साबुन-पानी से धुलें, यू- फिर उलटा हाथ धुलें, एम-फिर मुठ्ठी को रगड़-रगड़कर धुलें, ए- अंगूठे को धुलें, एन-नाखूनों को धुलें और के- कलाई को अच्छी तरह से धुलें। इस विधि से हाथों की सफाई की आदत बच्चों में बचपन से ही डालनी चाहिए और उसकी अहमियत भी समझानी चाहिए।

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