भागवत कथा में चौथे दिन महंत सर्वेश्वरी गिरी ने कहा,संबंध सुंदर ह्रदय और कभी न टूटने वाले विश्वास से टिकते हैं।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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पिहोवा 20 अक्तूबर : पिहोवा के शिवपुरी रोड पर स्थापित श्री गोविंदनंद आश्रम मैं कार्तिक मास के उपलक्ष में महंत बंसीपुरी जी महाराज के सानिध्य में भागवत कथा के चौथे दिन व्यास गद्दी पर विराजमान कथा वाचिका सर्वेश्वरी गिरी ने कहा कि इंसान उन चीजों से कम बीमार होता है जो वह खाता है वह ज्यादा बीमार उन चिंताओं से होता है जो बिना बात चिन्ता को पकड़ कर बैठ जाते हैं चिंता इंसान को व उसके परिवार को खत्म कर देती है इसलिए संबंध कभी मीठी आवाज या सुंदर चेहरे से नहीं दिखते वो टिकते हैं सुंदर हृदय और कभी न टूटने वाले विश्वास से ।
भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा और भाव से भागवत कथा को सुना। भागवत कथा में महंत सर्वेश्वरी गिरी ने कहा की मां देवी तुल्य है। वृद्धा माता ही तुम्हारी मां है वह कहां जाएगी वृद्ध शरीर लेकर , उस मां की ही सेवा करो क्योंकि मां की सेवा ही परमात्मा की सेवा है वेदांत का पहला सूत्र है कि मां की सेवा से ही पुण्य मिलता है सबसे पहले गुरु है मां, दूसरे नंबर पर गुरु पिता है, और तीसरा नंबर गुरु का स्थान है। भागवत कथा के मुख्य यज्ञमान सचिन रिष्याण, गीता रिष्याण ने कहा यह भागवत कथा करवाने का जो भी भगत इस भागवत कथा में शामिल होकर कथा को सुनते हैं पुण्य वही कमा रहे हैं। भागवत कथा के अंत में आरती में भाग लेने वाले मुख्य यजमान सचिन रिष्यान ,गीता रिष्याण,और सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया जिन में उपस्थित श्रद्धालु गण , उर्मिल अत्री, रश्मि बंसल, सुनीता रानी, सुरेश वर्मा, नीलम चक्रपाणि, शारदा शर्मा ,सरोज गुप्ता, रेणु रानी, कविता गुप्ता, सुनीता रानी, आदि सैकड़ों श्रद्धालु गण उपस्थित थे।
महंत सर्वेश्वरी गिरी भागवत कथा सुनाते हुए।