शैक्षणिक संस्थान के सर्वांगीण विकास में शिक्षाविदों की अहम भूमिका : प्रो. बीके कुठियाला।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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शैक्षणिक संस्थान को हर क्षेत्र में समृद्ध एवं सफल बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता : प्रो. बीके कुठियाला।
कुवि में हरियाणा राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए कुलसचिवों के लिए कार्यशाला आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 20 अक्टूबर : हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला ने कहा है कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के सर्वांगीण विकास में शिक्षाविदों की अहम भूमिका होती है। इसके लिए एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरी टीम की आवश्यकता होती है जिनका उद्देश्य विश्वविद्यालय को चलाना ही नहीं बल्कि उसे बुलन्दियों तक पहुंचाना है। वे गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में हरियाणा राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए कुलसचिवों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। प्रो. कुठियाला ने कहा कि कुलपति के नेतृत्व में ही विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं वित्तीय गतिविधियां आगे बढ़ती है तथा इसके लिए गठित टीम सदस्यों के कार्यों की रूपरेखा में स्पष्टता को होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षाविदों से विचार-विमर्श कर शैक्षणिक संस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना है।
प्रो. बीके कुठियाला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी शैक्षिक नेतृत्व को तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि तीन प्रश्न हमारे सामने आते है पहला विश्वविद्यालय में कोर टीम का संयोजन, दूसरा गठन एवं तीसरा कार्य प्रोफाइल क्या होगा। इन सभी को देखते हुए शैक्षणिक संस्थान को हर क्षेत्र में समृद्ध एवं सफल बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्यातिथि प्रो. बीके कुठियाला, कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने मां सरस्वती के समक्ष दीपदान कर किया गया।
इससे पहले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करते हुए व इस कार्यशाला के आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस कार्यशाला के द्वारा शिक्षाविदों का नेतृत्व में निखार आएगा तथा नया सीखने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के हित बेहतर कार्य करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का लक्ष्य है- शिक्षार्थी का संपूर्ण विकास जिसे साक्षरता,संख्याज्ञान, तार्किकता, समस्या समाधान, नैतिक, सामाजिक, भावनात्मक मूल्यों के विकास के द्वारा सम्भव किया जा सके। कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने सभी कुलसचिवों को पुष्पदंडिका देकर स्वागत किया।
कार्यशाला में हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के परामर्शदाता केके अग्निहोत्री ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया। अंत में सभी उपस्थिति कुलसचिव को कार्यशाला में सहभागिता के प्रमाण पत्र दिए गए।
इस अवसर पर दीनबंधु छोटूराम साइंस एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र कुमार अनायत, कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, दीनबंधु छोटूराम साइंस एवं तकनीकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलसचिव डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. बीआर अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अमित काम्बोज, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. गुलशन लाल तनेजा, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. रितु सिंह, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के डॉ. राजेश कुमार बंसल, भगतफूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कोलियां सोनीपत की कुलसचिव डॉ. नीलम मलिक, गुरु जम्भेश्वर साइंस एवं तकनीकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलसचिव डॉ. अवनेश वर्मा, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जीन्द की कुलसचिव डॉ. लवलीन मोहन, जेसी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नालॉजी, फरीदाबाद के कुलसचिव डॉ. सुनील गर्ग, विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, पलवल के कुलसचिव डॉ. आरएस राठौड़ सहित डॉ. अमरेन्द्र, सहायक कुलसचिव डॉ. पंकज गुप्ता एवं जितेन्द्र जांगड़ा मौजूद थे।