कुरुक्षेत्र भागवत कथा में सुनाया भगवान वामन अवतार प्रसंग।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 22 अक्तूबर : दुखभंजन महादेव मंदिर में कार्तिक मास और सूर्यग्रहण के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथाव्यास शुकदेव आचार्य ने जड़ भरत और भगवान वामन अवतार का उल्लेख किया।कथा के यजमानों ने सर्वदेव एवं भागवत पूजन करके कथावाचक शुकदेव आचार्य को तिलक लगाया। अनुष्ठान में सुबह 51 ब्राह्मणों द्वारा सवा लाख गायत्री मंत्र जाप भी चल रहा है।भागवत प्रवचनों में शुकदेवाचार्य ने कहा कि वामन अवतार में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी की दंभ तथा अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह भी बताया कि यह धनसंपदा क्षणभंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों। प्रवचनों में उन्होंने कहा कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईर्ष्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। यदि हम संसार में पूरी तरह मोहग्रस्त और लिप्त रहते हुए सांसारिक जीवन जीते है, तो हमारी सारी भक्ति एक दिखावा ही रह जाएगी। कथा के दौरान वामन अवतार की झाकी दिखाई गई और तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली पर श्रद्घालु भाव-विभोर हो उठे। भागवत आरती में आचार्य नरेश कौशिक, एडवोकेट मनमोहन शर्मा,जय कुमार शर्मा, मोहन भारद्वाज, रोजी शर्मा, हेमराज,सुनील अंगीरस, राकेश कंसल,ललित चावला, श्याम जुनेजा, अरुण गौड़, प्रवीण शर्मा, डॉ. अनिल शर्मा, देवेन्द्र कुमार, दीपक शर्मा,पार्थ पाठक, सुरेश शर्मा, अशोक आश्री, गोपाल शर्मा, ज्ञानचंद शर्मा, जगन्नाथ शर्मा, विजय ठाकुर, अनुराधा पाठक, अर्चना शर्मा, कांता आश्री, सुषमा शर्मा, किरण गौड़,सुनीता वालिया व मिथलेश सहित बड़ी संख्या में अन्य श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।