साल के अंतिम सूर्यग्रहण अवसर पर श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में हुआ पूजन एवं महामृत्युंजय मंत्र जाप।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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हवन एवं पूजन के उपरांत ग्रहण समाप्ति पर गंगाजल से शुद्धि कर खोले गए मंदिरों के द्वार।
कुरुक्षेत्र, 25 अक्तूबर : मारकंडा नदी के तट पर मंगलवार को सूर्यग्रहण के अवसर पर श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में हवन यज्ञ एवं सर्व कल्याण की कामना से पूजन किया गया। सूर्य ग्रहण में सूतक काल के कारण नवग्रह मंदिर, शिव मंदिर, शनि मंदिर एवं श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर के द्वार बंद रहे। अखिल भारतीय श्री मार्कण्डेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने श्रद्धालुओं के साथ मंदिर के बाहर हवन किया तथा पूजन किया। उन्होंने बताया कि आज साल का अंतिम सूर्य ग्रहण होने के कारण पूजा मानव समाज के लिए कल्याणकारी है। उन्होंने मंदिर में नियमित हवन एवं पूजन के उपरांत सूतक काल खत्म होने के बाद विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ गंगा जल से मंदिरों का शुद्धिकरण किया। इसके उपरांत देर शाम को मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि ग्रहण के अवसर पर सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे अधिक नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इसी लिए श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य मंत्रों के साथ महामृत्युंजय मंत्रों का जाप किया गया। इस अवसर पर स्वामी सीताराम, मयूर गिरि, कुलदीप, रविंद्र सैनी, भाना सिंह, बिल्लू पुजारी, कौशल्या देवी, राधिका व कंचन इत्यादि भी मौजूद थे।
सूर्यग्रहण पर श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में महंत जगन्नाथ पुरी एवं श्रद्धालु हवन करते हुए।