दुल्हा बने हैं नंदलाल कि जोड़ी का जवाब नहीं,
श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया रुकमणी मंगल प्रसंग।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र,26 अक्तूबर :- दुखभंजन महादेव मंदिर में कार्तिक मास और सूर्यग्रहण के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक शुकदेव आचार्य ने श्रीकृष्ण-रुकमणी विवाह प्रसंग विस्तार से सुनाया।मस्त फक्कड़नाथ शिव शक्ति आश्रम ट्रस्ट कुरूक्षेत्र के प्रधान जितेंद्र बंसल ने बतौर मुख्यातिथि दीप प्रज्ज्वलित किया।यजमानों रामपाल गुप्ता,राज गौड़,कश्मीरी लाल,गोवर्धन दास,कृष्ण लाल चीका और ठाकुर नीलमणि ने सर्वदेव एवं भागवत पूजन करके कथावाचक शुकदेव आचार्य को तिलक लगाया।अनुष्ठान में सुबह 51 ब्राह्मणों द्वारा सवा लाख गायत्री मंत्र जाप भी चल रहा है।प्रवचनों में कथावाचक शुकदेवाचार्य ने कहा कि जो लोग भगवान की निर्भरता का नाम लेकर हाथ पर हाथ धरे बैठे रहना,सोना अथवा आराम में लगे रहना चाहते हैं, वे अपने आप को धोखा देते हैं।भगवान की निर्भरता में भक्त का जीवन सर्वदा और सर्वथा भगवत सेवा परायण बन जाता हैं।इस मौके पर श्री कृष्ण रुकमणी की आकर्षक झांकी दिखाई गई।गायक सीताराम कश्यप और अरुण शर्मा द्वारा सुनाए गए भजन आओ मेरी सखियों मुझे मेंहदी लगा दो, मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो और दूल्हा बने हैं नंदलाल की जोड़ी का जवाब नहीं…पर श्रद्धालु झूम उठे। भागवत आरती में आचार्य नरेश कौशिक, एडवोकेट मनमोहन शर्मा,जय कुमार शर्मा,मोहन भारद्वाज, रोजी शर्मा, हेमराज, अनिल गुप्ता, डॉ.अनिल शर्मा, देवेन्द्र कुमार, दीपक शर्मा, पार्थ पाठक,सुरेश शर्मा, अशोक आश्री, गोपाल शर्मा, ज्ञानचंद शर्मा, जगन्नाथ शर्मा, विजय ठाकुर, अनुराधा पाठक, मोनिका गुप्ता, पिंकी गुप्ता,कांता आश्री,सुषमा शर्मा,सुमन बंसल,सुनीता वालिया व मिथलेश सहित बड़ी संख्या में अन्य श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।